महज सात महीने के बाद जम्मू-कश्मीर एक बार फिर तबाही मचाने वाली बाढ़ के खतरे से बावस्ता है। कश्मीर घाटी और जम्मू संभाग के एक हिस्से में बाढ़ के खतरे के चलते भयभीत लोग सुरक्षित स्थानों की ओर कूच करने लगे हैं। इस बीच तेज बारिश से उत्पन्न स्थिति में
By Rajesh NiranjanEdited By: Updated: Tue, 31 Mar 2015 08:06 AM (IST)
श्रीनगर, जागरण न्यूज नेटवर्क। महज सात महीने के बाद जम्मू-कश्मीर एक बार फिर तबाही मचाने वाली बाढ़ के खतरे से बावस्ता है। कश्मीर घाटी और जम्मू संभाग के एक हिस्से में बाढ़ के खतरे के चलते भयभीत लोग सुरक्षित स्थानों की ओर कूच करने लगे हैं। इस बीच तेज बारिश से उत्पन्न स्थिति में सात लोगों की मौत हो गई है और 15 लापता हैं। बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रदेश और केंद्र सरकार सक्रिय हो गई हैं। बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की आठ टीम घाटी भेजी गई हैं और सेना को सतर्क कर दिया गया है। केंद्र ने राहत कार्यों के लिए 200 करोड़ रुपये की अग्रिम धनराशि भी स्वीकृत कर दी है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।
सात जिलों में अलर्ट घोषितसोमवार को बडग़ाम में हुए भूस्खलन में 21 लोग अपने माल-मवेशियों व चार मकानों समेत जिंदा दब गए। फिलहाल दो महिलाओं समेत छह लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि अन्य की तलाश जारी है। पुलिस को मलबे में दबे लोगों के जिंदा बचने की उम्मीद बेहद कम है। एसपी बडग़ाम फैयाज लोन ने बताया कि हादसा पीरपंचाल की पहाडिय़ों में स्थित नीलनाग इलाके में हुआ है। लेडन-नागम गांव में सुबह करीब नौ बजे अचानक जमीन धंसने लगी और पहाड़ी पर भूस्खलन से मिट्टी के बड़े-बड़े ढेर और चट्टानें नीचे गिरने लगीं। इससे चार मकान पूरी तरह मलबे में दब गए। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में पुलिस और सीआरपीएफ की 164वीं वाहिनी के जवान तो बच गए लेकिन उनके लिए बनी तीन मंजिला इमारत पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। जम्मू के राजौरी व पुंछ जिलों में बारिश से 20 मकान ढह गए जबकि उधमपुर में एक व्यक्ति के मरने की सूचना है। कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर स्थित छह पुल भी बह जाने की खबर है। श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर कुछ और स्थानों पर भूस्खलन की खबर है। इसके चलते लगातार तीसरे दिन श्रीनगर देश के बाकी हिस्से से कटा हुआ है। प्रशासन ने घाटी के सात जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया है। खतरे को देखते हुए घर छोडऩे वाले लोगों को ठहराने की व्यवस्था की जा रही है। बाढ़ की आशंका वाले इलाकों के स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और परीक्षाएं टाल दी गई है।मोदी ने नकवी को भेजा जायजा लेने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात का जायजा लेने के लिए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को घाटी में भेजा है। साथ ही प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राज्य को पूरी मदद का भरोसा दिया है। श्रीनगर के लालचौक समेत बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने विधानसभा में हालात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने बाढ़ से बचाव कार्यों के लिए कश्मीर घाटी को 25 करोड़ तथा जम्मू संभाग को दस करोड़ रुपये दिए हैं। उन्होंने हालात नियंत्रण में होने की बात कही है।झेलम ने कई स्थानों पर खतरनाक
पिछले 36 घंटे से कश्मीर में भारी बारिश के चलते झेलम नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान को पार कर गई है। बाढ़ का पानी कश्मीर के निचले इलाकों में भर गया है। श्रीनगर के निचले स्थानों और तीन दर्जन गांवों में पानी भरने की सूचना है। श्रीनगर में हालांकि सोमवार सुबह बारिश रुक गई और कुछ स्थानों पर वर्षा की निरंतरता टूटने की खबर है। लेकिन मौसम विभाग ने कुछ दिनों के भीतर फिर से भारी बारिश की आशंका व्यक्त की है। सात महीने पहले आई बाढ़ से हुई तबाही की याद करके श्रीनगर के निचले स्थानों में बसे लोग भयभीत हो गए हैं। सितंबर 2014 में आई उस बाढ़ में राज्य में 280 लोगों की मौत हो गई थी जबकि दसियों हजार लोग बेघर हो गए थे। उस बाढ़ में हुई तबाही से लोग अभी तक नहीं उबर पाए हैं।
बारिश से कश्मीर के बिगड़े हालात, सरकार ने जारी किया अलर्टश्रीनगर में बारिश, जमीन धसने से कश्मीर में 44 मकान क्षतिग्रस्त