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चार राज्यों में खाद्य सुरक्षा लागू

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कोयला घोटाले से जुड़ी फाइलें गायब होने के मुद्दे प संसद में भले ही खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित नहीं हो पाया हो, लेकिन राजीव गांधी के जन्मदिन पर मंगलवार को चार कांग्रेसशासित राज्यों में सोनिया की प्रतिष्ठा से जुड़ा बिल लागू कर दिया गया। हालांकि, इस योजना की आधी अधूरी तैयारियों पर खुद सोनिया गांधी ने सवाल भी उठाए, लेकिन चुनावी साल में इसे अपनी सरकार की उपलब्धियों में शुमार करने से नहीं चूकीं।

By Edited By: Updated: Tue, 20 Aug 2013 09:13 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कोयला घोटाले से जुड़ी फाइलें गायब होने के मुद्दे प संसद में भले ही खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित नहीं हो पाया हो, लेकिन राजीव गांधी के जन्मदिन पर मंगलवार को चार कांग्रेसशासित राज्यों में सोनिया की प्रतिष्ठा से जुड़ा बिल लागू कर दिया गया। हालांकि, इस योजना की आधी अधूरी तैयारियों पर खुद सोनिया गांधी ने सवाल भी उठाए, लेकिन चुनावी साल में इसे अपनी सरकार की उपलब्धियों में शुमार करने से नहीं चूकीं।

खाद्य सुरक्षा विधेयक का श्रेय लेने के लिए कांग्रेसशासित राज्यों दिल्ली, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इसे एकसाथ लांच कर दिया गया। जिन राज्यों में खाद्य सुरक्षा लागू की गई, उनकी राशन प्रणाली बेहद लचर है। सोनिया गांधी ने खाद्य सुरक्षा विधेयक की कमजोर कड़ी पीडीएस के सुधार पर जोर दिया। दिल्ली में खाद्य सुरक्षा शुरू करने के बाद राशन प्रणाली की खामियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में बहुत कमियां हैं। इसीलिए इसमें सुधार को बहुत महत्व दिया गया है, ताकि भ्रष्टाचार की गुंजाइश न रहे।'

राशन प्रणाली में सुधार के लिए महिला स्वयं सहायता समूह और पंचायती राज संस्थाओं को महत्व देने का प्रावधान किया गया है। हरियाणा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उत्तराखंड में विजय बहुगुणा और अरुणाचल में नबाम तुकी ने खाद्य सुरक्षा लांच कर पार्टी हाईकमान से वाहवाही लूटी। बाकी कांग्रेसशासित राज्यों के मुख्यमंत्रियें ने पहले ही इसे तत्काल लागू करने से हाथ खड़े कर दिए थे। आधी-अधूरी तैयारियों का आलम यह है कि दिल्ली में खाद्य सुरक्षा का लाभ 73 लाख के मुकाबले केवल 32 लाख परिवारों को ही मिल पाएगा।

उत्तराखंड में इसका फायदा केवल 3.7 लाख बीपीएल परिवारों को मिलेगा, जिन्हें पहले ही अनाज मिल रहा है, जबकि यहां लगभग साढ़े 12 लाख परिवारों को इसका लाभ मिलना चाहिए। हरियाणा में भी मौजूदा कार्डधारकों को ही फिलहाल अतिरियायती खाद्यान्न मुहैया कराया जा सकेगा।

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