ये हैं वो तीन बिजनेस टायकूंस, जो आरोपों के बावजूद बेरोक-टोक विदेश भागे
आज हम आपको ऐसे तीन लोगों के बारे में बताते हैं जो अपने उपर लगे आपराधिक और वित्तिय घोटालों की जांच को बीच में ही छोड़कर विदेश चले गए।
By Atul GuptaEdited By: Updated: Fri, 11 Mar 2016 08:44 PM (IST)
नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों में ऐसे कई हाई प्रोफाइल मामले सामने आए हैं जहां लोग आरोपों का सामना किए बिना आसानी से विदेश चले गए। आज हम आपको ऐसे तीन लोगों के बारे में बताते हैं जो अपने उपर लगे आपराधिक और वित्तीय घोटालों की जांच को बीच में ही छोड़कर विदेश चले गए।
ये भी पढ़ेंः गुस्साए माल्या ने कहा; 'मैं भगो़ड़ा नहीं, एक सांसद हूं, कानून का पालन करता हूं'विजय माल्या।
29 जुलाई 2015 को सीबीआई ने शराब कारोबारी विजय माल्या, उनकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस और कंपनी की चीफ फाइनेंशल ऑफिसर ए रघुनाथन के खिलाफ आईडीबीआई बैंक के 900 करोड़ रूपये नहीं चुकाने को लेकर एफआईआर दर्ज की। सीबीआइ ने इस मामले में आईडीबीआई बैंक के एक अज्ञात अधिकारी के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की।ये भी पढ़ेंः सीबीआई के इस कदम से विजय माल्या को देश छोड़ने में हुई आसानी
सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआइ की एफआइआर के आधार पर विजय माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट तहत मामला दर्ज कर लिया। इस मामले में सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में कर्नाटक से स्वतंत्र राज्यसभा सांसद विजय माल्या के गोवा, बेंगलुरु और मुंबई स्थित घर पर छापा मारा। पिछले साल 16 अक्टूबर को सीबीआइ ने विजय माल्या के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी कर दिया ताकि वो विदेश ना जा सकें। हालांकि सीबीआइ ने उनका पासपोर्ट जब्त करने की मांग नहीं की। नवंबर के तीसरे सप्ताह में सीबीआइ ने लुक आउट नोटिस के टर्म में फिर बदलाव करते हुए कहा कि इमिग्रेशन एजेंसी माल्या के विदेश जाने पर नजर बनाए रखें और अगर वो विदेश जाने की कोशिश करते हैं तो सीबीआइ को इस बारे में सूचित किया जाए।ये भी पढ़ेंः विजय माल्या से पूरा कर्ज वसूलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन 2 मार्च की दोपहर को इमीग्रेशन विभाग के अधिकारियों ने सीबीआइ को सूचना दी कि माल्या लंदन जाने वाले हैं। सीबीआइ ने जवाब में इमीग्रेशन विभाग के अधिकारियों को कहा कि वो माल्या को जाने दें। सीबीआइ के मुताबिक माल्या के विदेश जाने में कुछ भी नया नहीं है और वो पिछले 6 महीने के दौरान कई बार विदेश जाते रहे हैं। उधर लंदन पहुंचे माल्या ने भी ट्वीट कर अपनी सफाई में कहा कि वो अंतराष्ट्रीय व्यापारी हैं और वो बिना किसी रोक टोक के भारत से विदेश आते रहे हैं और वो भारत को कभी नहीं छोड़ेगे और ना ही वो भगोड़े हैं। उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय सांसद होने के वो भारत के कानून का पूरी तरह सम्मान करते हैं और हमारा न्याय तंत्र बहुत सम्मानित है लेकिन मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए।ललित मोदी। आइपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी भी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके खिलाफ दायर किए गए 15 मामलों का सामना किए बिना ही मई 2010 में लंदन चले गए। ईडी ने ललित मोदी के खिलाफ अनैतिक तरीके से विदेशी पैसे को लाने के मामले में शिकायत दर्ज की थी। इस मामले की पूछताछ के लिए ललित मोदी को कई बार ईडी के दफ्तर भी बुलाया गया लेकिन वो नहीं आए। 2010 में ईडी ने ललित मोदी के खिलाफ फॉरन एक्चेंज मैनेजमैंट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। ललित मोदी के खिलाफ लाइट ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया ताकि अधिकारियों को पता रहे कि मोदी कहां जा रहे हैं।
साल 2011 में ललित मोदी का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था लेकिन तीन साल के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके पासपोर्ट को फिर से बहाल करने का आदेश दिया। ईडी ललित मोदी पेशी के लिए कई बार नोटिस दे चुका है लेकिन मोदी के वकील भारत में उनके और उनके परिवार को जान का खतरा बताकर कह रहे हैं कि मोदी भारत कभी वापस नहीं आएंगे। ईडी ने इंटरपोल से मोदी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने को कहा है लेकिन ब्रिटिश सरकार और इंटरपोल ने इस बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।वॉरन एंडरसन भोपाल गैस कांड मामले में 7 दिसंबर 1984 को भोपाल पुलिस ने अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन के चेयरमैन और सीईओ वॉरन एंडरसन को गिरफ्तार किया। इस हादसे में करीब 20000 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन वॉरन एंडरसन को बाद में बेल मिल गई यहां तक कि उसे 25000 के निजी मुचलके पर अमेरिका वापस जाने की इजाजत भी दे दी गई लेकिन वो कभी भारत वापस लौटकर नहीं आया। साल 1992 में भोपाल गैस कांड की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। अदालत में पेश ना होने पर अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। पढ़ें- गुस्साए माल्या ने कहा; 'मैं भगो़ड़ा नहीं, एक सांसद हूं, कानून का पालन करता हूं'
साल 2011 में ललित मोदी का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था लेकिन तीन साल के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके पासपोर्ट को फिर से बहाल करने का आदेश दिया। ईडी ललित मोदी पेशी के लिए कई बार नोटिस दे चुका है लेकिन मोदी के वकील भारत में उनके और उनके परिवार को जान का खतरा बताकर कह रहे हैं कि मोदी भारत कभी वापस नहीं आएंगे। ईडी ने इंटरपोल से मोदी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने को कहा है लेकिन ब्रिटिश सरकार और इंटरपोल ने इस बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।वॉरन एंडरसन भोपाल गैस कांड मामले में 7 दिसंबर 1984 को भोपाल पुलिस ने अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन के चेयरमैन और सीईओ वॉरन एंडरसन को गिरफ्तार किया। इस हादसे में करीब 20000 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन वॉरन एंडरसन को बाद में बेल मिल गई यहां तक कि उसे 25000 के निजी मुचलके पर अमेरिका वापस जाने की इजाजत भी दे दी गई लेकिन वो कभी भारत वापस लौटकर नहीं आया। साल 1992 में भोपाल गैस कांड की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। अदालत में पेश ना होने पर अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। पढ़ें- गुस्साए माल्या ने कहा; 'मैं भगो़ड़ा नहीं, एक सांसद हूं, कानून का पालन करता हूं'