गडकरी ने ली अफसरों की क्लास, कहा- तैयार हो रहा कच्चा चिट्ठा
शुक्रवार को नितिन गडकरी फिर अफसरों की क्लास ली। उन्होंने कहा कि आपका कच्चा चिट्ठा तैयार हो रहा है।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Fri, 20 May 2016 08:23 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सड़क निर्माण के प्रति अपने मंत्रालय के अफसरों के रवैये से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी खफा हैं। दो साल में तीस किलोमीटर सड़कों का लक्ष्य पूरा न होने से नाराज गडकरी पहले भी उन्हें नसीहत दे चुके हैं। शुक्रवार को उन्होंने फिर अफसरों की क्लास ली। उन्होंने कहा, 'आपका कच्चा चिट्ठा तैयार हो रहा है। इसलिए फाइलों पर कुंडली मार कर बैठने की आदत अब छोड़ बैठो। किसी भी फाइल की मंजूरी में तीन दिन से अधिक का समय नहीं लगना चाहिए।'
गडकरी इंडियन एकेडमी आफ हाईवे इंजीनियर्स तथा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'आखिरकार आप लोगों को फाइलों से इतनी मोहब्बत क्यों है? उन्हें अधिक समय तक अपने सीने से चिपका कर मत रखो। कोई भी फाइल अधिक से अधिक तीन दिन में क्लियर हो जानी चाहिए।' पढ़ेंः खराब रोड डिजाइन के लिए सजा भुगतने को रहें तैयार : गडकरी राजमार्ग मंत्री ने कहा कि अफसरों की सुस्ती से परियोजनाओं में विलंब होता है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। कौन अधिकारी किस फाइल को रोके बैठा है, इस बात का पूरा लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है।
गडकरी ने कहा कि सरकारी अफसरों में कुछ नया सोचने या करने की इच्छाशक्ति का अभाव है। जबकि छोटे-छोटे नवाचारों से न केवल जनता को लाभ पहुंचाया जा सकता है, बल्कि सरकार के पैसे की भी बच की जा सकती है। इस संदर्भ में उन्होंने हल्दिया पोर्ट का उदाहरण दिया, जहां एक गुप्त नहर को खोले जाने के फलस्वरूप ड्रेजिंग के खर्च में सालाना 250 करोड़ रुपये की बचत सुनिश्चित हुई है। अब 100 से ज्यादा जहाजों द्वारा इसी नजर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे पहले हर साल ड्रेजिंग पर 450 करोड़ रुपये के खर्च के कारण यह बंदरगाह घाटे में चल रहा था। उन्होंने कहा कि ज्ञान में शक्ति है। इसलिए अफसरों को हमेशा अपना ज्ञान बढ़ाते रहना चाहिए और नए-नए तरीके आजमाने से हिचकना नहीं चाहिए। पढ़ेंःराजमार्गों पर हरियाली के लिए सरकार खर्च करेगी 5000 करोड़ रुपये
सड़क निर्माण का जिक्र करते हुए उन्होंने सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप आज देश में कुल मिलाकर सड़क निर्माण से संबंधित लगभग 25 लाख करोड़ रुपये के कार्य हो रहे हैं। उन्होंने सड़क हादसों की भी चर्चा की। कहा, सरकार ने सड़कों का डिजाइन दुरुस्त करने के लिए केंद्रीय सड़क निधि की 10 फीसद राशि (लगभग 900 करोड़ रुपये) खर्च करने का निर्णय लिया है।