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जर्मनी के टकसाल में बना गणेश सिक्का, अफ्रीका से हुआ जारी

पश्चिम अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट ने पहली बार भगवान गणोश के चित्र वाला सिक्के जारी किए हैं। इसे जर्मनी की टकसाल से गढ़वाया गया है। पहले 'मुद्रा सिक्के' कहे जा रहे इन सिक्कों को जर्मनी की टकसाल में बनाया गया है।

By Edited By: Updated: Tue, 09 Jul 2013 08:45 AM (IST)
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कोलकाता। पश्चिम अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट ने पहली बार भगवान गणेश के चित्र वाला सिक्के जारी किए हैं। इसे जर्मनी की टकसाल से गढ़वाया गया है। पहले 'मुद्रा सिक्के' कहे जा रहे इन सिक्कों को जर्मनी की टकसाल में बनाया गया है। इन सिक्कों को जर्मनी की मायेर टकसाल में शुद्ध चांदी से बनाया गया है और इस पर पीपल केपत्ते पर भगवान गणेश का चित्र उकेरा गया है और संस्कृत श्लोक 'वक्रतुंड महाकाय' लिखा गया है।

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25 ग्राम का फ्रैंक्स सीएफए 1001 सिक्का 8001 रुपये में बुकिंग के लिए उपलब्ध है और नौ सितंबर को गणेश चतुर्थी के पवित्र मौके पर दिया जाएगा। सवोरस्की क्रिस्टल लगे चांदी के इस सिक्के गणेश के ये सिक्के किसी की स्मृति में नहीं जारी किए गए हैं और इन्हें गिन्नी की तरह से माना जाएगा।

एजी इम्पेक्स चलाने वाले मुद्राशास्त्री आलोक के गोयल ने कहा, 'भारत में गणपति के सिक्कों की बहुत अधिक मांग है, लेकिन चूंकि भारतीय टकसाल धार्मिक चित्र वाले सिक्के नहीं बनाते, इसलिए हमारे पास कोई भी मुद्रा सिक्के नहीं हैं। इसलिए यह पहला गैर संचारी मुद्रा सिक्का है।

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कोलकाता की इस कंपनी एजी इम्पेक्स के पास इस सिक्के को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग का अधिकार है। गोयल का कहना है कि इस सिक्के को इस चूहे के आकार वाले एक विशेष डिब्बे में रखा गया है।

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