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नौवीं कक्षा की छात्रा बोली, पढ़ना है मुझे; अभी मेरी शादी न कराओ

‘अभी मुझे पढ़ना है। नहीं..नहीं, अभी मेरी शादी मत कराओ।’ यह ख्वाहिश, जिद है झारखंड की एक 14 वर्षीय बेटी की। सामाजिक कुरीतियों में शामिल बाल विवाह के खिलाफ झंडा उठाने वाली इस बालिका का साथ दिया उसके शिक्षक ने। गुरुवार को शादी की तारीख मुकर्रर थी।

By Edited By: Updated: Wed, 03 Feb 2016 09:37 AM (IST)
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जागरण संवाददाता, गुमला। ‘अभी मुझे पढ़ना है। नहीं..नहीं, अभी मेरी शादी मत कराओ।’ यह ख्वाहिश, जिद है झारखंड की एक 14 वर्षीय बेटी की। सामाजिक कुरीतियों में शामिल बाल विवाह के खिलाफ झंडा उठाने वाली इस बालिका का साथ दिया उसके शिक्षक ने। गुरुवार को शादी की तारीख मुकर्रर थी। मंगलवार को लग्नपान की रस्म के लिए वर पक्ष के लोगों को आना था। लेकिन शिक्षक की शिकायत पर पुलिस ने बालिका को बाल कल्याण समिति के संरक्षण में भेज दिया।

झारखंड के गुमला जिला अंतर्गत गांव हापामुनी की ममता कुमारी एसएस उच विद्यालय घाघरा में नौवीं कक्षा की छात्र है। उसकी शादी माता-पिता ने जामटोली बरवा निवासी कृष्णा साहु के साथ तय कर दी। ममता ने बताया कि 27 जनवरी को स्कूल में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया था। शिविर में 18 वर्ष से कम उम्र में शादी करने को अपराध बताया गया था। शिविर में यह जानकारी मिलने के बाद अहसास हुआ कि उसकी शादी कम उम्र में की जा रही है, जबकि यह उसके पढ़ने की उम्र है।

वह खुद पढ़ना चाहती थी। यह बात उसने अपने शिक्षक को बताई और शादी रुकवाने का अनुरोध किया।
शिक्षक ने भी इसे गंभीरता से लिया और एक आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को देकर शादी रुकवाने का अनुरोध किया। प्राधिकार के सचिव यशवंत प्रकाश ने आवेदन को घाघरा थाना अग्रसारित करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया। मंगलवार की सुबह पुलिस हामापुनी स्थित ममता के घर पहुंची एवं उसे अपने साथ ले आई। ममता को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। समिति के समक्ष ममता ने शादी करने से इन्कार करते हुए पढ़ने की इछा व्यक्त की। लेकिन उसने अपने परिवार के सदस्यों पर शादी के लिए दबाव बनाए जाने से इन्कार किया।

समिति की अध्यक्ष तारगेन पन्ना ने बताया की ममता के घर पर अभी शादी का माहौल है। ममता शादी करने से इन्कार कर रही है इस कारण उसे फिलहाल समिति के संरक्षण में बाल गृह में रखा जाएगा। माता-पिता को ममता की राय से अवगत कराते हुए शादी नहीं करने व बची को पढ़ाने का अनुरोध किया जाएगा। परिजनों के तैयार होने व लिखित शपथ पत्र देने के बाद ममता को परिजनों को सौंप दिया जाएगा। देर शाम ममता के माता-पिता पर थाने में बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

गौरतलब है कि इससे पहले भी घाघरा के रुकी गांव की सरस्वती कुमारी व पालकोट के बाघिमा निवासी स्कूली छात्रा बिरसमुनी ने भी शादी करने से इंकार कर दिया था। दोनों छात्राएं वर्तमान में पढ़ाई कर रही हैं। सरस्वती कुमारी को जिला प्रशासन द्वारा बीते लोकसभा चुनाव में स्वीप आइकान बनाया गया था।

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