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पूर्व गृह सचिव का खुलासा, इशरत जहां की पहचान छिपाने के लिए था दबाव

पूर्व गृह सचिव जी.के.पिल्लै ने एक टीवी चैनल पर सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते थे कि इशरत जहां मामले में सच्चाई लोगों के सामने आए। इशरत की पहचान छिपाने के लिए राजनीतिक तौर पर दबाव था।

By Rajesh KumarEdited By: Updated: Fri, 26 Feb 2016 07:39 AM (IST)
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नई दिल्ली। इशरत जहां के मामले में सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। मुंबई हमलों में सजा काट रहे हेडली के बयान के बाद पूर्व गृह सचिव जी.के.पिल्लै ने एक टीवी चैनल पर बेहद सनसनीखेज खुलासा किया। शायद ये पहला मौका है जब भारत सरकार में जिम्मेदार पद की कमान संभालने वाले पिल्लई ने कहा कि महज राजनीतिक नफा के लिए इशरत की पहचान छिपाने का दबाव बनाया गया था। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते थे कि इशरत जहां मामले में सच्चाई लोगों के सामने आए। यूपीए सरकार के दौरान गृह सचिव रहे जी.के. पिल्लै ने कहा कि इशरत आतंकी थी या नहीं ये आगे के जांच का विषय है लेकिन इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप किया गया था।

'खुफिया एजेंसियों को पता था कि लश्कर आतंकी थी इशरत'

पिल्लै ने साफ तौर पर कहा कि लश्कर-ए-तैयबा ने इशरत जहां को शहीद कह कर उसे अपने वेबसाइट पर डाला था। लेकिन कुछ देर बाद ही उसे हटा लिया था। लेकिन, वाकई वो इसमें शामिल थीं या वो पूरे मामले से बेखबर थी ये एक जांच का विषय है।

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पिल्लै ने कहा कि इशरत उस ग्रुप का हिस्सा थी जो भारत में घूम रहा था और वो एक नेता को मारने आया था जिसे आखिरकार गुजरात में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया।

लेकिन, लश्कर-ए-तैयबा के वेबसाइट पर नाम डालने के अलावा और कोई दूसरा ऐसा सीधा साक्ष्य नहीं है जिससे ये साबित हो सके कि इशरत आतंकी थी। हो सकता है वो इस पूरे मामले से बेखबर हो।

पिल्लै ने कहा कि इशरत मामले में फिलहाल लश्कर आतंकी डेविड हेडली के बयानों के आधार पर किसी तरह का निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है और इस मामले में आगे जांच की जरूरत है। पूर्व गृह सचिव ने कहा कि मुख्य मुद्दा ये है कि ये मुठभेड़ असली था या फिर फर्जी था।

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उधर, केन्द्रीय मंत्री आर.के सिंह ने पूर्व गृह सचिव जी.के.पिल्लै के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि जो भी लोग इस मामले पर विवाद पैदा करने चाहते थे उनका सभी का मुंह बंद हो गया है।