पत्नी का पब जाना तलाक का आधार नहींः हाई कोर्ट
पत्नी के पब जाने को आधार बनाकर तलाक मांगने वाले पति को बांबे हाई कोर्ट से निराशा हाथ लगी है। इस शख्स ने यह कहते हुए तलाक मांगा था कि वह बच्चे को घर में नौकर के जिम्मे छोड़कर पब-डिस्को जाती है और अक्सर उसकी और उसके माता-पिता को अपमानित
मुंबई। पत्नी के पब जाने को आधार बनाकर तलाक मांगने वाले पति को बांबे हाई कोर्ट से निराशा हाथ लगी है। इस शख्स ने यह कहते हुए तलाक मांगा था कि वह बच्चे को घर में नौकर के जिम्मे छोड़कर पब-डिस्को जाती है और अक्सर उसकी और उसके माता-पिता को अपमानित करती है।
न्यायमूर्ति विजय ताहिलरमानी और अनिल मेनन की पीठ ने हाल ही में परिवार अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि पत्नी के इस व्यवहार को क्रूरता की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। पीठ ने कहा, 'हमारी राय में फेमिली कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर सही फैसला किया कि याचिकाकर्ता (पति) यह साबित करने में असफल रहा कि पत्नी ने उसके साथ क्रूरता की।' पति ने पत्नी पर बेरुखी से पेश आने, ज्यादा घूमने-फिरने, पब और डिस्को जाने, गुलदस्ता से हमला करने, गरम चाय का कप फेंकने, बच्चे का ख्याल न रखने, गलत आरोप लगाने और हनीमून के दौरान उल्टी-सीधी हरकतें करने को आधार बनाते हुए तलाक मांगा था।
अदालत ने कहा, 'जहां तक पब और डिस्को जाने की बात है तो पाया गया है कि पति-पत्नी दोनों साथ-साथ पब और डिस्को जाते थे। अदालत में मामला चलने के दौरान भी दोनों साथ पब-डिस्को गए। हमारे विचार से याचिकाकर्ता के साथ क्रूरता नहीं हुई है। अधिक से अधिक इसे अनुचित और असंयमित व्यवहार की श्रेणी में रखा जा सकता है, जिसकी उम्मीद शादीशुदा जीवन में नहीं की जाती।'
दंपती की शादी 20 वर्ष पहले हुई थी और पिछले 16 वर्षो से दोनों अलग रह रहे हैं। शादी के शुरुआती चार सालों में उन्हें एक बेटा हुआ, जो अब बड़ा है और पिता के साथ रह रहा है।