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बदरीनाथ में श्रद्धा का केंद्र बना पंचमुखी देवदार

बदरीनाथ धाम में बस स्टैंड के पास नर पर्वत पर वर्षों से देवदार का पेड़ खड़ा है।

By Srishti VermaEdited By: Updated: Tue, 31 Oct 2017 10:08 AM (IST)
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बदरीनाथ में श्रद्धा का केंद्र बना पंचमुखी देवदार

चमोली (जागरण संवाददाता)। वृक्षविहीन बदरीनाथ धाम में पांच शाखाओं वाला देवदार का पेड़ श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। इस पेड़ को पांडवों के इतिहास से जोड़ने के श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के प्रयास रंग लाने लगे हैं। यही वजह है कि पेड़ को देखने प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

पेड़ की पौराणिकता सामने लाने का किया प्रयास : बदरीनाथ धाम में बस स्टैंड के पास नर पर्वत पर वर्षों से देवदार का पेड़ खड़ा है। इस वर्ष बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने इस पेड़ की पौराणिकता सामने लाने का प्रयास किया। इस पेड़ की खासियत यह है कि जमीन से इसकी सिर्फ एक ही शाखा निकली है, जबकि दो फीट के बाद दो शाखाएं निकली हुई हैं। इनमें से एक शाखा से तीन और दूसरी से दो शाखाएं निकलकर इसे विलक्षण स्वरूप प्रदान कर रही हैं।

आमतौर पर होती है एक मुख्य शाखा : आमतौर पर देवदार के पेड़ एक मुख्य शाखा पर ही होते हैं, लेकिन इस पेड़ की पांच शाखाएं इसे अलग स्वरूप प्रदान कर रही हैं। मंदिर समिति ने इसके पंचमुखी स्वरूप को ही प्रचारित किया। यही कारण है कि अब बदरीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालु इस पेड़ को देखे बिना नहीं लौटते। बता दें कि द्वापर युग के अंत में पांडव इसी रास्ते से स्वर्गारोहिणी यात्रा पर गए थे। इसका उल्लेख शास्त्रों में भी मिलता है।

पांडव वंश का प्रतीक है पेड़ : मंदिर समिति के अनुसार, उसने धर्म अधिकारी के सानिध्य में शास्त्रों का अध्ययन किया। शास्त्रों के अध्ययन के बाद ही पता चला कि देवदार के पेड़ ऐसा आकार नहीं लेते है।

इन्हें दर्शाती हैं शाखाएं : समिति का तर्क है कि पेड़ की मुख्य शाखा महाराजा पांडु को दर्शाती हैं। जबकि, दो शाखाएं कुंती और माद्री की प्रतीक हैं। कुंती वाली शाखा से युधिष्ठिर, भीम व अर्जुन के रूप में तीन और माद्री वाली शाखा से नकुल व सहदेव के रूप में दो शाखाएं फूट रही हैं।

मैंने भी फॉरेस्ट में सेवा की, लेकिन अपने सेवाकाल में देवदार के ऐसे पेड़ देखने को नहीं मिले। निस्संदेह यह पेड़ देव का प्रतीक है। मंदिर समिति इस पेड़ को पांडवों के इतिहास से जोड़कर इसके महत्व से आम श्रद्धालुओं को रूबरू करा रही है। -बीडी सिंह, मुख्य कार्य अधिकारी, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति।

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