अटल के सपनों को पंख, अरनौटा पहुंची ट्रेन
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 15 वर्ष पुराने सपने को अब पंख लग रहे हैं। उनके पैतृक गांव में वषरें से रेंग-रेंग कर हो रहा काम अब रफ्तार पकड़ रहा है। पहली बार शुक्रवार को गुड्स ट्रेन उनके गांव बटेश्वर के अरनौटा तक पहुंची। ट्रेन के आने का पता चलने पर ग्रामीणों में उत्साह फैल गया। अब उन्हें जल्द योजना के पूरा
By Edited By: Updated: Sun, 02 Feb 2014 03:05 PM (IST)
लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 15 वर्ष पुराने सपने को अब पंख लग रहे हैं। उनके पैतृक गांव में वषरें से रेंग-रेंग कर हो रहा काम अब रफ्तार पकड़ रहा है। पहली बार शुक्रवार को गुड्स ट्रेन उनके गांव बटेश्वर के अरनौटा तक पहुंची। ट्रेन के आने का पता चलने पर ग्रामीणों में उत्साह फैल गया। अब उन्हें जल्द योजना के पूरा होने की उम्मीद जाग गई है।
पढ़े : एक ट्रेन ऐसी जो करती है मुसाफिरों का इंतजार! बटेश्वर खांद में 16 अप्रैल 1999 को रेल लाइन का शिलान्यास पूर्व प्रधानमंत्री और मूल रूप से बटेश्वर निवासी अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। तबसे इस रेल मार्ग पर निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन जिस गति से कार्य प्रारंभ हुआ तो उससे क्षेत्रीय लोगों ने आस ही तोड़ दी कि उनके जमाने में तो रेल यहां से गुजर ही नहीं पाएगी। बीते 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर जागरण ने इस योजना की बदहाली को उजागर किया था। इसके बाद कार्य की गति तेज की गई। कार्य को तेजी से कराने के लिए ही शुक्रवार को डीजल इंजन चलित मालगाड़ी आगरा से अरनौटा तक गिट्टी लेकर पहुंची। ट्रेन के आने की सूचना ग्रामीणों के लिए कौतूहल का विषय बन गई। जिसने भी सुना मालगाड़ी को देखने के लिए दौड़ पड़ा। हालांकि अभी भी जैतपुर क्षेत्र में बहुत कार्य होना बाकी है फिर भी ग्रामीणों को आस जागी है कि अब अटल बिहारी की रेल बाह तक जल्दी ही आएगी।
तेज हुआ परियोजना का काम उत्तर मध्य रेलवे आगरा मंडल के जनसंपर्क अधिकारी भूपिंदर ढिल्लन ने बताया कि परियोजना का काम अब गति पकड़ रहा है। आगरा से गिट्टी लेकर ट्रेन अरनौटा पहुंची थी, जिससे आगे के रेल लाइन को बिछाने का कार्य जल्द पूरा किया जा सके।
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