विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए भारत ने ब्रिटिश उच्चायोग को लिखा पत्र
भारत सरकार ने माल्या को लाने के लिए कूटनीतिक स्तर पर प्रयास तेज कर दिया है। इसके लिए ब्रिटेन से माल्या को निर्वासित (डिपोर्ट) करने का अनुरोध किया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जांच एजेंसियों की पकड़ से दूर भाग रहे शराब कारोबारी विजय माल्या के लिए आगे बच पाना मुश्किल हो जाएगा। भारत सरकार ने माल्या को लाने के लिए कूटनीतिक स्तर पर प्रयास तेज कर दिया है। इसके लिए ब्रिटेन से माल्या को निर्वासित (डिपोर्ट) करने का अनुरोध किया गया है।
इस सिलसिले में विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली स्थित ब्रिटेन के उच्चायोग को पत्र लिखा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरुवार को कहा कि हमने उच्चायोग को पत्र लिखकर ब्रिटिश सरकार से विजय माल्या के निर्वासन का अनुरोध किया है। इसके अलावा लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने मौखिक रूप से यह मामला ब्रिटेन के विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय के सामने उठाया है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले पर लगातार ब्रिटिश अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक करनल सिंह ने खुद विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर माल्या को लाने के लिए कूटनीतिक प्रयास करने का आग्रह किया था। गौरतलब है कि ईडी तीन बार माल्या को समन जारी कर पूछताछ के लिए हाजिर होने का मौका दे चुका है। लेकिन माल्या हाजिर होने में असमर्थता जताते रहे। इसके बाद ईडी ने विदेश मंत्रालय से उनका पासपोर्ट रद करा दिया और मुंबई की अदालत से गैर जमानती वारंट भी ले लिया। माल्या ने इसी साल दो मार्च को भारत छोड़ दिया था। वह अब ब्रिटिश सरकार से वहां रहने की अनुमति मांगने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा वह अपना पासपोर्ट रद करने को चुनौती भी दे सकते हैं।
इस आधार पर निर्वासन को कहा
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय मनी लांड्रिंग कानून के तहत आरोपों की जांच कर माल्या को कोर्ट में पेश करना चाहता है।
वह बार-बार समन भेजे जाने के बावजूद जांच एजेंसियों के सामने पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हो रहे हैं।
माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है। उनका पासपोर्ट रद किया जा चुका है।
उन्होंने ब्रिटेन के वीजा नियमों का उल्लंघन किया है। वह पर्यटन वीजा पर ब्रिटेन गए थे।
हालांकि, माल्या ने कहा था कि वह एक कान्फ्रेंस में भाग लेने के लिए ब्रिटेन आए हैं। इसकी अनुमति टूरिस्ट वीजा पर नहीं दी जाती है।
कर्ज के दुरुपयोग का आरोप
विजय माल्या पर किंगफिशर एयरलाइंस को मिले बैंक कर्ज के दुरुपयोग का आरोप है।
माल्या की डूब चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये बकाया है।
बैंकों का आरोप है कि किंगफिशर एयरलाइंस के नाम पर मिले कर्ज को माल्या ने दूसरी कंपनियों में लगा दिया।
उन्होंने जान-बूझकर किंगफिशर एयरलाइंस को डूब जाने दिया, ताकि बैंकों का कर्ज लौटाना नहीं पड़े।
इस मामले में आइडीबीआइ से लिए गए 900 करोड़ रुपये के कर्ज की जांच ईडी मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत कर रहा है।
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किंगफिशर ट्रेडमार्क नीलाम करेंगे बैंक
मुंबई, प्रेट्र। किंगफिशर हाउस बेचने में विफल रहे बैंक अब विजय माल्या की बंद पड़ी एयरलाइन का ट्रेडमार्क नीलाम करने जा रहे हैं। कर्जदाता बैंकों ने 30 अप्रैल यानी शनिवार को 'किंगफिशर' लोगो और इस एयरलाइन की एक समय बेहद चर्चित रही टैगलाइन 'फ्लाई द गुड टाइम्स' की बिक्री करने का एलान किया है। किंगफिशर एयरलाइंस अपने सभी लोगो व ट्रेडमार्क कजर्न देने वाले बैंकों के पास गिरवी रखे थे। इन सभी लोगो व टैगलाइन की रिजर्व कीमत 366 करोड़ रुपये तय की गई है।