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राजमार्गों पर हरियाली के लिए सरकार खर्च करेगी 5000 करोड़ रुपये

राजमार्गों पर हरियाली के लिए सरकार 5000 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस योजना को नरेगा से भी जोड़ा जाएगा।

By Manish NegiEdited By: Updated: Wed, 27 Apr 2016 07:08 PM (IST)
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नई दिल्ली, (पीटीआई)। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्गो को हरियाली से ढंक देना चाहती है। इसकी अनुमानित लागत 5000 करोड़ रुपये होगी। इस योजना को नरेगा से भी जोड़ा जाएगा ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था फले-फूले और बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन हो।

एनएचएआइ और टेरी के संयुक्त आयोजन से शुरू हुई एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए बुधवार को गडकरी ने कहा कि नेशनल हाइवे को हरा-भरा बनाने में कम से कम 5000 करोड़ रुपये लगेंगे। यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित होगी। यहां महिलाओं को भी रोजगार मिल सकता है।

इस साल जून से लागू होने वाली हरित हाईवे नीति के तहत सरकार ने किसी भी हाईवे के ठेके की कुल लागत का एक प्रतिशत धन 'ग्रीन फंड' के नाम से अलग रखा है। इस फंड का इस्तेमाल पेड़-पौधे लगाने में होगा। उन्होंने बताया कि अभी तक सड़क बनाने के डेढ़ लाख करोड़ के ठेके दिए गए हैं। यह तादाद अगले महीने तक बढ़ कर दो लाख करोड़ हो जाएगी। इस लिहाज से हम कुल पांच लाख करोड़ की हाईवे परियोजनाएं शुरू करेंगे। और इसके चलते 5000 करोड़ रुपये विशेष रूप से हाईवे को हरा-भरा बनाने और पेड़ लगाने के लिए खर्च किए जाएंगे।

हर साल हर राज्य से तीन लोग सम्मानित होंगे

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने निवेशकों से इस प्रायोगिक परियोजना से जुड़ने का आह्वान किया। अगर जरूरी हुआ तो सरकार चयनित एजेंसी को जरूरी तकनीक और वित्तीय सहायता भी मुहैया कराएगी। हर राज्य से हर साल तीन विजेता घोषित किए जाएंगे जिन्हें उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया जाएगा।

निगरानी सैटेलाइट से होगी

मंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं की निगरानी सैटेलाइट तकनीक से होगी और योजना पूरी तरह से अमल में आने पर ही भुगतान किया जाएगा। सरकार की योजना गांवों से लगे 1200 राजमार्ग बनाने की है। इसके अलावा, इन इलाकों में राजमार्ग के साथ ही घर से लगे रेस्टोरेंट बनाए जाएंगे। यहां स्थानीय भोजन परोसा जाएगा। साथ ही सांस्कृतिक पार्क बनाए जाएंगे जहां पर स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा।

जैविक खाद और ईंधन का ही उपयोग

पर्यावरण लाभ के बारे में उन्होंने कहा कि यह मकसद राजमार्ग के दोनों ओर पेड़ लगाने से हल होगा। मंत्री ने परियोजना में काम आने वाली मशीनों में जैविक ईंधन का प्रयोग किए जाने की बात कही। साथ ही प्रत्यारोपित पेड़ों में भी जैविक खाद डाली जाएगी। एनएचएआइ के अध्यक्ष राघव चंद्रा ने कहा कि हमने अपने प्रोजेक्ट का एक फीसद धन पेड़ों के प्रत्यारोपण, पौधारोपण, सुंदरीकरण और रखरखाव के लिए अलग रखा है। यह इस काम के लिए पर्याप्त धन है। वहीं, टेरी के निदेशक अजय माथुर ने कहा कि नए पौधारोपण के लिए कम जमीन होने के बावजूद हम अतिरिक्त पेड़ लगाएंगे।

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