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ऑटो मोबाइल नियमों में बदलाव करेगी सरकार : गडकरी

देश के केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश के ऑटोमोबाइल नियम बहुत पुराने हो गए हैं और इसमें आज की अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के मुताबिक बदलाव लाने जरूरी है। दरअसल गडकरी ने ये बातें भाजपा मुख्यालय में गैर-परंपरागत ऊर्जा पर आयोजित एक सेमिनार के उद्धघाटन के बाद कहीं।

By Edited By: Updated: Mon, 14 Jul 2014 05:12 PM (IST)
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नई दिल्ली। देश के केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश के ऑटोमोबाइल नियम बहुत पुराने हो गए हैं और इसमें आज की अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के मुताबिक बदलाव लाने जरूरी है। दरअसल गडकरी ने ये बातें भाजपा मुख्यालय में गैर-परंपरागत ऊर्जा पर आयोजित एक सेमिनार के उद्धघाटन के बाद कहीं।

सेमिनार के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि विभिन्न ईंधनों से चलने वाली कारों के परमिट नियमों में बदलाव किए जा सकते हैं। सरकार ऐसी कारों के नियमों में अनिवार्य बदलाव कर इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों पर चलने वाली कारों के नियमों की तरह कर सकती है। नियमों में बदलाव उन कारों में किया जा सकता है जो जैविक ईंधन से सड़क पर दौड़ रही हैं। गडकरी ने कहा कि सरकार संसद के अगले सत्र में बदलाव नियमों को सामने पेश करेगी। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खड़ा उतरने केलिए हमें जरूरी बदलाव करने ही होंगे।

गडकरी ने कहा कि सरकार ने ई-रिक्शा के परमिट नियमों में बदलाव की बात पहले भी कही थी। नियमों में बदलाव की वजह से दो लाख लोगों को रोजगार दिया गया।

ग्रामीण विकास का अतिरिक्त प्रभार होने की वजह से उन्होंने जैविक ऊर्जा को बढ़ावा देने की भी बात कही। उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार वैकल्पिक उर्जा को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और इसके लिए बजट में कई प्रावधान किए गए हैं। सरकार ने साथ ही पेट्रोल में दस प्रतिशत इथेनॉल मिलाने की योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इससे किसानों और शुगर मिल मालिकों का भला होगा और साथ ही इससे बचने वाला पैसा विकास योजनाओं के काम आएगा।

गडकरी ने कहा कि देश में एथेनॉल की कोई कमी नहीं है। पूरी दुनिया में वैकल्पिक ऊर्जा को लेकर कई प्रयोग हुए हैं। हाइब्रिड बसें और स्कूटर आ गए हैं।

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