एवरेस्ट फतह करने वाली सीमा गोस्वामी की मदद को आगे आई सरकार
चंदा जुटाकर एवरेस्ट फतह करने वाली सीमा गोस्वामी की मदद के लिए भारत सरकार आगे आई है। सीमा फिलहाल काठमांडू के अस्पताल में भर्ती है और उनके पास ईलाज के पैसे नहीं हैं।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 30 May 2016 08:46 PM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। पैसे के अभाव में नेपाल में फंसी पर्वतारोही सीमा गोस्वामी की मदद के लिए केंद्र सरकार आगे आई है। सीमा को घर लाने और इलाज पर हुए खर्च का भुगतान सरकार करेगी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर सोमवार को यह जानकारी दी। 29 जनवरी को दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए सुषमा ने सीमा की हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।
हरियाणा के कैथल जिले के सीवान गांव की 27 वर्षीया सीमा चंदा जुटाकर एवरेस्ट अभियान पर निकली थी। 20 मई को वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने में कामयाब रही थी। यहां से लौटते वक्त उसकी तबीयत बिगड़ गई। 21 मई को उसे हेलीकॉप्टर से काठमांडू लाकर अस्पताल में दाखिल कराया गया। हालत सुधरने के बाद से वह काठमांडू के एक होटल में है। सीमा ने जागरण को बताया था कि अस्पताल का बिल भरने और घर लौटने के लिए उसे सात लाख रुपये की जरूरत है। इस राशि का भुगतान नहीं कर पाने पर यात्रा पर ले जाने वाली एजेंसी उसे एवरेस्ट विजेता होने का प्रमाण-पत्र नहीं देगी।हर तरफ मची थी चीत्कार, खुद को बचाने के लिए पानी में कूद रहे थे लोग'उसे नहीं पता था कि उसकी गाड़ी में जो बैठा है वो मुल्ला मंसूर है'
सालभर एवरेस्ट पर ही रहेगा शव काठमांडू (प्रेट्र)। भारतीय पर्वतारोही परेश नाथ और गौतम घोष का शव करीब सालभर एवरेस्ट पर ही पड़ा रहेगा। शव वापस लाने का अभियान नेपाल अगले साल तक के लिए टाल दिया गया है। ट्रेकिंग कैंप नेपाल के प्रबंध निदेशक वांगचू शेरपा ने बताया कि खराब मौसम के कारण शव वापस लाने का अभियान जारी रखना संभव नहीं है। अब यह काम अगले साल किया जाएगा। ट्रेकिंग कैंप एवरेस्ट अभियानों का संचालन करती है। नाथ और घोष का 21 मई को चोटी के करीब अपने दल से संपर्क टूट गया था। बीते शुक्रवार को बचाव दल ने इनके शव को खोजने में कामयाबी पाई थी। लेकिन, तेज हवाओं के कारण शव नीचे लाने में सफलता नहीं मिल पाई थी।