जजों की नियुक्ति का मसौदा तैयार करना पहली प्राथमिकताः सदानंद गौड़ा
सरकार जल्द ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के जजों के साथ मिलकर जजों की नियुक्ति यानी कोलेजियम व्यवस्था में बदलाव को लेकर फैसला कर सकती है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस मामले पर विचार करने के बाद किसी नतीजे पर नही पहुंच पाई थी। कोर्ट ने
By Atul GuptaEdited By: Updated: Sun, 20 Dec 2015 10:00 AM (IST)
नई दिल्ली। सरकार जल्द ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के जजों के साथ मिलकर जजों की नियुक्ति यानी कोलेजियम व्यवस्था में बदलाव को लेकर फैसला कर सकती है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस मामले पर विचार करने के बाद किसी नतीजे पर नही पहुंच पाई थी। कोर्ट ने सरकार से कोलेजियम व्यवस्था बनाने को कहा था जिसके बाद सरकार अब गंभीरता से इस मामले पर विचार कर रही है।
कानून मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि साल 2016 में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया का मसौदा तैयार करना कानून मंत्रालय की पहली प्राथमिक्ता होगी। गौड़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति की नियुक्ति को लेकर मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी मंत्रालय को दी है ऐसे में मंत्रालय सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और देशभर के 24 हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीशों की मदद से जल्द ही नया मसौदा तैयार करेगा।
उन्होंने कहा कि ये मसौदा कानून के दायरे में होना चाहिए इसलिए इसमें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की भूमिका अहम है। गौड़ा ने ये भी कहा जजों की नियुक्ति में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है, इसलिए वो चाहते हैं कि न्यायालय जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान करें।
कोलेजियम व्यवस्था के द्वारा ही हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की जाती है और अब कानून मंत्रालय जजों की नियुक्ति को लेकर कोलेजियम व्यवस्था में बदलाव करने जा रहा है।
कोलेजियम व्यवस्था के द्वारा ही हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की जाती है और अब कानून मंत्रालय जजों की नियुक्ति को लेकर कोलेजियम व्यवस्था में बदलाव करने जा रहा है।