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स्टार्ट अप को श्रम कानूनों से मिली तीन साल की छूट

'स्टार्ट अप इंडिया' अभियान के तहत नए उद्यम लगाने वालों के लिए केंद्र सरकार खासतौर पर मेहरबान हो गई है। सरकार ने स्टार्ट अप को तीन साल तक श्रम कानूनों से छूट देने का एलान किया है।

By Sachin MishraEdited By: Updated: Wed, 09 Mar 2016 09:34 PM (IST)
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नई दिल्ली। 'स्टार्ट अप इंडिया' अभियान के तहत नए उद्यम लगाने वालों के लिए केंद्र सरकार खासतौर पर मेहरबान हो गई है। सरकार ने स्टार्ट अप को तीन साल तक श्रम कानूनों से छूट देने का एलान किया है। केंद्र ने देश में उद्यमिता का माहौल बेहतर बनाने के लिए स्टार्ट अप को तीन साल तक टैक्स अदा करने की चिंता से भी मुक्त कर रखा है।

श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि उनके मंत्रालय ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों व केंद्रीय श्रम प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि स्टार्ट अप की ओर से नौ श्रम कानूनों के अनुपालन संबंधी स्वप्रमाणित दस्तावेज श्रम विभागों को देना ही पर्याप्त होगा। श्रम विभाग के इंस्पेक्टरों की ओर से ऐसे नए उद्यमों के परिसरों की जांच नहीं की जाएगी। इस कदम का मकसद नए उद्यमियों को श्रम विभाग के अधिकारियों के उत्पीड़न से बचाना है।

इन नौ श्रम कानूनों में औद्योगिक विवाद अधिनियम, ट्रेड यूनियन कानून, भवन व अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम और औद्योगिक रोजगार कानून भी शामिल हैं। बंडारू के बयान के मुताबिक, राज्यों को भेजे गए निर्देश का मतलब यह नहीं है कि स्टार्ट अप को कानूनों के पालन से छूट दी गई है।

उन्होंने साफ कर दिया कि नए उद्यमों को सभी नौ कानूनों के अनुपालन के लिए स्वप्रमाणित दस्तावेज श्रम विभाग के पास जमा कराने होंगे। इन स्टार्ट अप को केवल निरीक्षण से छूट दी गई है। अगर ऐसा पाया गया कि इन उद्यमों ने किसी कानून का उल्लंघन किया है, तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकेगी।

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