मार्कंडेय काटजू के दावे पर सरकार की मुहर
मद्रास हाई कोर्ट के कथित भ्रष्ट जज को संप्रग सरकार द्वारा राजनीतिक दबाव में बचाने और प्रोन्नत करने के जस्टिस मार्कंडेय काटजू के खुलासे पर मंगलवार को भी संसद में जमकर हंगामा हुआ। अन्नाद्रमुक सदस्यों ने संसद के दोनों सदनों में लगातार दूसरे दिन तीखा विरोध किया। भारी हंगामे के बीच लोकसभा में
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। मद्रास हाई कोर्ट के कथित भ्रष्ट जज को संप्रग सरकार द्वारा राजनीतिक दबाव में बचाने और प्रोन्नत करने के जस्टिस मार्कंडेय काटजू के खुलासे पर मंगलवार को भी संसद में जमकर हंगामा हुआ। अन्नाद्रमुक सदस्यों ने संसद के दोनों सदनों में लगातार दूसरे दिन तीखा विरोध किया। भारी हंगामे के बीच लोकसभा में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह कहकर काटजू के दावों की पुष्टि कर दी कि संप्रग-एक के समय सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने उस जज के सेवा विस्तार की सिफारिश की थी। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आपत्ति जताई कि संसद में न्यायपालिका और जजों के बारे में चर्चा नहीं हो सकती। इस पर कानून मंत्री ने कहा, 'मैं किसी जज के आचरण पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं।' प्रसाद ने सरकार की मंशा स्पष्ट करते हुए कहा कि वह ऐसी नियुक्तियां करने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग गठित करने को लेकर काफी इच्छुक हैं। इस मुद्दे पर राज्यसभा की कार्यवाही भी बाधित हुई। भाजपा ने इस मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री के जवाब की मांग की है।
जस्टिस काटजू के बयान पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। हंगामे के बीच मंगलवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जून 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ऑफिस ने सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम से उस जज के नाम पर विचार करने को कहा था। कोलेजियम की ओर से अनुरोध ठुकराए जाने के बाद कानून मंत्रालय ने इस मामले में एक अन्य नोट भेजा था। कानून मंत्री के इस बयान के बाद अन्नाद्रमुक सदस्य और आक्रामक हो गए, जिसके चलते लोकसभा की कार्यवाही को शून्यकाल में दो बार स्थगित करना पड़ा। इस मुद्दे पर अन्नाद्रमुक और द्रमुक सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। अन्नाद्रमुक सदस्य संप्रग सरकार पर जज को बनाए रखने के लिए दबाव डालने वाले द्रमुक मंत्री का नाम बताने की मांग कर रहे थे। इस मुद्दे पर भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जवाब की मांग की है। भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस को आगे आकर बताना चाहिए कि कैसे न्यायपालिका सहित विभिन्न संवैधानिक संस्थानों का राजनीतिक लाभ के लिए दुरुपयोग किया गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण और चिंता का विषय है। उन्होंने तीखा हमला कि कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक-दूसरे के लिए ही बने हैं।