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बंद कर देंगे असम में घुसपैठ के रास्तेः पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश से घुसपैठ की समस्या का स्थायी समाधान खोजने संबंधी अपने चुनावी वादे को पूरा करने की ओर कदम बढ़ा दिया है। रविवार को उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की आमद पर लगाम कसने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Mon, 01 Dec 2014 07:49 AM (IST)
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गुवाहाटी, एजेंसियां । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश से घुसपैठ की समस्या का स्थायी समाधान खोजने संबंधी अपने चुनावी वादे को पूरा करने की ओर कदम बढ़ा दिया है। रविवार को उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की आमद पर लगाम कसने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। पीएम ने एलान किया कि इस समस्या से हमेशा-हमेशा के लिए निजात पाने के लिए भारत, बांग्लादेश के साथ भूमि की अदला-बदली का समझौता करेगा। इसके तहत दोनों देशों में पड़ने वाले एक-दूसरे के एनक्लेव (विदेशी अंत:क्षेत्र) का आदान-प्रदान किया जाना है।

भाजपा, अगप की आपत्तियां दरकिनार

प्रधानमंत्री मोदी ने गुवाहाटी में भाजपा की एक रैली को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया, 'मेरी बात पर भरोसा करें कि असम को बांग्लादेश से जारी घुसपैठ की समस्या से स्थायी तौर पर निजात दिलाने के लिए भूमि की अदला-बदली समझौता किया जाएगा।' दोनों देशों के बीच भूमि सीमा समझौते के तहत सीमा के निर्धारण के लिए इस करार को किया जाएगा। जमीन की अदला-बदली करार को लेकर राज्य भाजपा और असम गण परिषद की आपत्तियों को पूरी तरह दरकिनार करते हुए पीएम ने बांग्लादेश से समझौता करने का एलान किया। दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि अदला-बदली में बांग्लादेश के मुकाबले असम की ज्यादा जमीन चली जाएगी।

असम की सुरक्षा के लिए जमीन देंगे

करार को लेकर असम के लोगों की चिंता का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, 'मैं जनता की भावनाओं से वाकिफ हूं। करार के तहत असम की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।' बकौल मोदी, 'बांग्लादेश को जमीन देने से असम के लोगों और सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इससे राज्य का किसी भी तरह से अहित नहीं होगा। मैं यह बात पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं।'

दीर्घकालीन फायदा होगा

मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए पीएम ने कहा, 'मैं असम की समस्या से वाकिफ हूं। मैं भरोसा दिलाता हूं कि असम और देश हित में ही कदम आगे बढ़ाएंगे। करार से असम को दीर्घकालीन फायदा होगा। मौजूदा समय में भले ही यह लग रहा हो कि अभी इससे नुकसान होगा।' राज्य में कायम सांप्रदायिक तनाव की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि सूबे में गड़बड़ी फैलाने वालों से कानून सख्ती से निपटेगा।

भाजपा राष्ट्रवादी

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा के पूर्वोत्तर एजेंडे को भी रेखांकित किया। समय-समय पर भाजपा पर लगते सांप्रदायिकता के आरोपों को खारिज करते हुए पीएम ने कहा, 'हम विकास की राजनीति करते हैं। जातिवाद, क्षेत्रवाद और सांप्रदायिकता की राजनीति में हमारा कत्तई विश्वास नहीं है। भाजपा ने हमेशा राष्ट्रवाद की राजनीति की है। हम सबका विकास करने में विश्वास करते हैं।'

क्या है मामला

एनक्लेव का चक्रव्यूह

भारत-बांग्लादेश के बीच एनक्लेव का अनसुलझा मामला है। स्थानीय भाषा में छित महल कहलाने वाले ये एनक्लेव दोनों देशों के छोटे-छोटे हिस्से हैं। भारत के एनक्लेव बांग्लादेश में हैं और बांग्लादेश के भारत में हैं। एक-दूसरे देश की जमीन से ये चारों तरफ से घिरे हैं।

किसके कितने

बांग्लादेश में मौजूद भारतीय एनक्लेव

कुल संख्या-111

विस्तार-17158 एकड़

आबादी-37,369

भारत स्थित बांग्लादेशी एनक्लेव

कुल संख्या-51

विस्तार-7110 एकड़

आबादी-14,215