महान लोगों को जाति के दायरे में न बांधे: मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को जनता से महान लोगों के प्रति अपने नजरिए को बदलने की अपील की। उन्होंने कहा कि महान लोगों को जाति के दायरे या किसी विचारधारा के खेमे में नहीं बांटा जा सकता। महापुरुषों की धरोहर को संभालना आसान नहीं है।
By Abhishek Pratap SinghEdited By: Updated: Fri, 14 Aug 2015 07:44 AM (IST)
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को जनता से महान लोगों के प्रति अपने नजरिए को बदलने की अपील की। उन्होंने कहा कि महान लोगों को जाति के दायरे या किसी विचारधारा के खेमे में नहीं बांटा जा सकता। महापुरुषों की धरोहर को संभालना आसान नहीं है।
योजना आयोग के सदस्य नरेंद्र जाधव की बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के जीवन पर लिखी चार किताबों का विमोचन करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि अंबेडकर देश के महान लोगों में से एक थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश और देश-निर्माण के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने जाधव के संघ के करीब आने की कोशिशों पर किए गए सवाल के जवाब में हंसते हुए कहा कि अब मैं अंबेडकर पर लिखी किताब पढ़ रहा हूं तो लोग कहेंगे कि संघ अंबेडकर की धरोहर पर काबिज होकर दलितों के और करीब आना चाहता है। उन्होंने कहा कि जाधव का भी कहना है कि देश के महान लोगों को जाति, वर्ग, भाषा और विचारधारा के खेमों में बांटना नहीं चाहिए। इन महापुरुषों ने हम सबसे इन दायरों से ऊपर उठकर देश के उत्थान के लिए काम करने की अपेक्षा की थी। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि देशवासियों को अब महान लोगों को देखना का नजरिया बदलना होगा।