गुलबर्ग पर कोर्ट का फैसला सुन छलके जाकिया के आंसू, बोली- मिला अधूरा न्याय
गुलबर्ग सोसायटी मामले में आज आए कोर्ट के फैसले से दिवंगत सांसद की पत्नी जाकिया जाफरी की आंखों में आंसू छलक आए। उन्होंने कहा कि 14 वर्ष बाद भी उन्हें अधूरा न्याय ही मिला है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 02 Jun 2016 07:26 PM (IST)
अहमदाबाद। गुजरात की गुलबर्ग सोसायटी मामले में आज अहमदाबाद की विशेष कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस मामले में 24 दोषी करार दिए गए हैं जबकि 36 को मामले से बरी कर दिया गया है। फैसला आने के बाद गुलबर्ग सोसायटी की पीडि़ता और पूर्व कांग्रेसी सांसद एहसान जाफरी की पत्नी ने इस पर गहरा असंतोष व्यक्त किया है। इस मामले में कोर्ट 6 जून को दोषियों की सजा का एलान करेगी।
वहीं तीस्ता सितलवाड़ ने भी फैसले पर नाखुशी का इजहार किया है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक जाकिया जाफरी इसेे 14 साल बाद मिला अधूरा न्याय बताया है। साथ ही उन्होंने ऊपरी अदालत में अपील करने की भी बात कही है। जाकिया का कहना है कि इस मामले में सही फैसला आने में अभी और कई वर्ष लग जाएंगे। इसके बावजूद वह लड़ाई जारी रखेंगी।भाजपा की शिवसेना को चेतावनी, हमारे अंदरुणी मामलों में न दें दखल
डोनाल्ड ट्रंप के बारे में ये क्या कह बैठींं हिलेरी क्लिंटन
डोनाल्ड ट्रंप के बारे में ये क्या कह बैठींं हिलेरी क्लिंटन
वहीं कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तीस्ता सितलवाड़ ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाना हमारा अधिकार है और न्याय की आस में हम वहां जाएंगे। उन्होंने कोर्ट के इस फैसले को दुखद बताया है।गुलबर्ग सोसायटी मामले से जुड़ी सभी खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें
गौरतलब है कि 28 फरवरी 2002 को भड़की हिंसा के दौरान भीड़ ने गुलबर्ग सोसाइटी पर हमला कर दिया था। इस हमले में 69 लोग मारे गए थे, जिनमें पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी भी शामिल थे। घटना के बाद 39 लोगों के शव बरामद किए गए थे जबकि सात साल बाद बाकी 30 लापता लोगों को मृत मान लिया गया था।गुलबर्ग सोसायटी केस में कोर्ट का फैसला- 36 बरी, 24 आरोपी दोषी करार