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हाफिज के खिलाफ हर सबूत पर बैठे रहे पाक हुक्मरान, ट्रेनिंग के दौरान कसाब से मिलता था सईद

भारत ने जो डॉसियर सौंपे थे उसमें अजमल कसाब के अलावा भारत में कई आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश में गिरफ्तार फहीम अंसारी और सहाबुद्दीन के इकबालिया बयान थे।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Updated: Sat, 25 Nov 2017 06:21 AM (IST)
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हाफिज के खिलाफ हर सबूत पर बैठे रहे पाक हुक्मरान, ट्रेनिंग के दौरान कसाब से मिलता था सईद

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। हाफिज सईद की रिहाई पर अगर भारत ने बेहद गुस्से का इजहार किया है तो उसके पीछे ठोस वजहें हैं। भारत ने जो सबूत हाफिज सईद के खिलाफ आठ वर्ष पहले दिए थे पाक सरकार ने उसे भी न्यायालय के सामने पेश नहीं किया। इन सबूतों को मुंबई हमले के तकरीबन एक वर्ष बाद अगस्त, 2009 में एक डॉसियर के तहत सौंपा गया था। तब भारत ने इन्हें ग्रेड-वन स्तर के सबूत मानते हुए कहा था कि इनके आधार पर दुनिया की किसी भी अदालत में हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

भारत ने जो डॉसियर सौंपे थे उसमें फांसी पर लटकाये जा चुके अजमल कसाब के अलावा भारत में कई आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश में गिरफ्तार फहीम अंसारी और सहाबुद्दीन के इकबालिया बयान थे। कसाब ने स्वयं कहा था कि वह जब दिसंबर, 2007 से जनवरी, 2008 के बीच 21 दिनों के लिए हथियारों का प्रशिक्षण ले रहा था तब उसकी मुलाकात हाफिज सईद, जकी-उर-रहमान लखवी, अब हमजा जैसे लश्कर के शीर्ष लोगों से हुई थी।

उसने यह भी बताया था कि जिहाद की तरफ उसका आकर्षण सईद के संगठन जमात-उद-दावा के संपर्क में आने के बाद ही हुआ। कसाब ने यह बयान एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट, मुंबई के सामने दिये थे।

कसाब ने यह भी कहा था कि सईद ने कई बार उसके समेत तमाम हमलावरों को संबोधित किया। ट्रेनिंग पूरा करने के बाद मुंबई रवानगी से पहले जब अंतिम तौर पर ट्रेनिंग के लिए सेवइ नाला पहुंचाया गया तो वहां भी सईद मौजूद था। उसने हर हमलावर का अलग नाम रखा।

कसाब ने यह भी बताया था कि कश्मीर में हमला के लिए तैयार टीम में अंतिम तौर पर मुजाहिदीनों का चयन हाफिज सईद ही करता था। मुंबई हमलावरों का चयन भी उसने किया था और कसाब को कहा था कि, जिहाद का वक्त आ गया है और अब हिंदुस्तान पर बड़ा हमला करना है।

हाफिज सईद ने उन्हें संबोधित करते हुए कहा था कि, ''हर मुजाहिद्दीन को कश्मीर की आजादी मिलने तक लड़ाई जारी रखनी होगी।'' यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि शुक्रवार को बेहद सुबह नजरबंदी खत्म होने के बाद हाफिज सईद ने एक बार फिर कश्मीर की आजादी का रोना रोया है।

उसने कहा है कि, 'मैं कश्मीर के लिए लड़ाई करता हूं और आगे भी इसके लिए पूरे मुल्क में लोगों को एकत्रित करुंगा।' यही बात उसने बुधवार को देर रात को भी अपने समर्थकों के बीच कही थी। बुधवार को ही न्यायायिक बोर्ड ने हाफिज सईद के खिलाफ कोई सबूत नहीं पाये जाने के आधार पर उस पर पिछले दस महीनों से लगाये गये नरजबंदी आदेश को निरस्त करने का आदेश दिया था।

उरी हमले के बाद जब भारत ने सख्ती करनी शुरु की तो पाकिस्तान ने कहा कि भारत को हाफिज के खिलाफ पक्के सबूत देने चाहिए। इस पर भारत ने कहा था कि अभी तक जो सबूत दिए गए हैं वे अपने आप में सईद को सजा दिलाने के लिए काफी है।

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