जाट आरक्षण पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, अगली सुनवाई 21 जुलाई को
दिल्ली में जंतर-मंतर पर इकट्ठे हुए जाट नेता भी इस बात की मांग कर रहे थे कि हरियाणा सरकार इस विधेयक को जल्द से जल्द अधिसूचित करे।
चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को जाट आरक्षण पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट में अब अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी।
एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने जाट आरक्षण के बाबत हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 21 जुलाई को होगी।
हरियाणा में जाट, जट सिख, रोड़, बिश्नोई, त्यागी और मुल्ला/मुस्लिम जाट को पिछड़ा वर्ग की नई कैटेगरी बीसी(सी) के तहत आरक्षण का लाभ मिलने का प्रावधान किया गया था।
गौरतलब है कि विधानसभा में पारित बिल के मुताबिक आरक्षण में शामिल किए गए नए नियमों को सरकार की मंजूरी मिल गई थी। सरकार ने इस बिल को अधिसूचित कर दिया था। राज्य में वर्षों से जाट समुदाय की आरक्षण की यह मांग थी। पिछले दिनों हरियाणा में चारों तरफ हुए हिंसक आंदोलन के बाद विधानसभा में विधेयक पारित कर सरकार ने इस मांग को माना था।
बता दें कि दिल्ली में जंतर-मंतर पर इकट्ठे हुए जाट नेता भी इस बात की मांग कर रहे थे कि हरियाणा सरकार इस विधेयक को जल्द से जल्द अधिसूचित करे। बढ़ते दबाव और चारों ओर से सरकार पर टिकीं जाट नेताओं की नजरों को देखते हुए यह विधेयक वीरवार को अधिसूचित हो गया है। सरकार की ओर से बीसी सी श्रेणी में जाट सहित 6 जातियों को 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान तय किया गया है।
गत 29 मार्च को हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में यह बिल पास कर सूबे की जाट सहित 6 जातियों को बीसी सी श्रेणी में आरक्षण दिया गया था। इनमें जट सिख, बिश्नोई, त्यागी, रोड, मुल्ला और जाट/मुस्लिम को शामिल किया गया है।
विधानसभा सत्र के बाद यह बिल राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए भेजा गया था। राज्यपाल के हस्ताक्षर केसाथ ही यह प्रक्रिया भी पूरी हो गई थी। गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने जाट आरक्षण आंदोलन के बाद 29 मार्च को हरियाणा विधानसभा में जाट सहित 6 जातियों को आरक्षण की नई कैटेगरी बीसी (सी) में शामिल करते हुए आरक्षण दिया था।
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