कांग्रेस को ढूंढ़े नहीं मिल रहे प्रत्याशी
लोकसभा चुनावों में हार से पस्त हुई कांग्रेस विधानसभा चुनावों में भी पिछड़ती दिख रही है। हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में सत्ता विरोधी रुझान के मुकाबिल खड़ी पार्टी गुटबाजी व भाई-भतीजावाद की राजनीति से ग्रस्त है। चुनावी मैदान में चुनौती बने इन राज्यों में कांग्रेस पार्टी को
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। लोकसभा चुनावों में हार से पस्त हुई कांग्रेस विधानसभा चुनावों में भी पिछड़ती दिख रही है। हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में सत्ता विरोधी रुझान के मुकाबिल खड़ी पार्टी गुटबाजी व भाई-भतीजावाद की राजनीति से ग्रस्त है। चुनावी मैदान में चुनौती बने इन राज्यों में कांग्रेस पार्टी को जिताऊ उम्मीदवारों का टोटा है। जम्मू-कश्मीर में आई प्राकृतिक आपदा से राज्य के चुनाव की तिथियों में परिवर्तन होना तय है। वही झारखंड में कांग्रेस महागठबंधन के आसरे है, लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा जहां कांग्रेस का सीधा मुकाबला भाजपा से है, मजबूत उम्मीदवारों की तलाश व घोषणा में हो रही देरी ने पार्टी की कमजोर संभावनाओं को और क्षीण कर दिया है।
विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर कांग्रेस दूसरी पार्टियों से पिछड़ती दिख रही है। पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होने के बावजूद पार्टी अभी तक एक भी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं कर सकी है। इन राज्यों में पार्टी को जिताऊ प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में पार्टी की नजर दूसरे दलों से टिकट मांग रहे नेताओं पर टिकी है। कांग्रेस को उम्मीद है कि अन्य पार्टियों से उम्मीदवारी की चाहत पूरी न होने के बाद नाराज प्रत्याशी कांग्रेस का रुख कर सकते हैं। महाराष्ट्र में पार्टी ने टिकटार्थियों से आवेदन पत्र मांगा था। पार्टी को उम्मीद थी कि पार्टी को इस प्रक्रिया से मजबूत प्रत्याशी मिल सकेंगे, लेकिन पार्टी को महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में इस प्रक्रिया को लेकर ठंडे उत्साह को देखते हुए इसे बीच में ही छोड़ना पड़ा। चुनाव की कठिन राह को देखते हुए पार्टी फिर पुराने ढर्रे पर लोटने की राह पर है। पार्टी एक बार फिर नेता पुत्रों को व पुराने कांग्रेसियों के रिश्तेदारों पर दांव लगाने को मजबूर है। बगावत की आंच से झुलस रहे हरियाणा में नेता पुत्रों को लेकर सबसे ज्यादा मारामारी है। राज्य में आधा दर्जन से अधिक नेताओं द्वारा अपने पुत्रों के लिए टिकट मांगे जा रहे हैं। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अजय यादव अपने बेटे राव चिरंजीव को विधायक बनाना चाह रहे है तो राज्य के वित्त मंत्री हरमोहिंदर सिंह चट्ठा अपने बेटे मनजीत सिंह चट्ठा के लिए पिहोवा से टिकट मांग रहे हैं। मुलाना में पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष फूलचंद मुलाना अपने बेटे वरुण चौधरी के टिकट के लिए जोर लगाए हुए हैं तो एक और कैबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह राजनीति से संन्यास लेने और अपने बेटे विजय प्रताप सिंह को विरासत सौंपना चाह रहे हैं।