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हरियाणा में हालात और खराब, सेना की मौजूदगी में भी हिंसा जारी, आठ और मौतें

हरियाणा में आरक्षण के लिए जाट संगठनों का उग्र आंदोलन केंद्र और प्रदेश सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी थम नहीं रहा है। सातवें दिन शनिवार को हालात बद से बदतर हो गए।

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Sun, 21 Feb 2016 06:10 AM (IST)
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चंडीगढ़। हरियाणा में आरक्षण के लिए जाट संगठनों का उग्र आंदोलन केंद्र और प्रदेश सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी थम नहीं रहा है। सातवें दिन शनिवार को हालात बद से बदतर हो गए। नौ शहरों में सेना उतारने और सात में कफ्यरू लगाने के बावजूद प्रदेश धू-धूकर जलता रहा। झजर में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में चार, रोहतक में तीन और कैथल में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। 30 से यादा घायल हो गए। अब तक कुल 11 लोग मारे जा चुके हैं। ट्रेनें नहीं चलीं तो हरियाणा की जीवन रेखा जीटी रोड सुबह से ही जाम है। कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ व भाजपा नेता आनंद सागर के झजर स्थित घर पर जमकर तोड़फोड़ की गई।

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झज्जर शहर उपद्रवियों के कब्जे में आ गया। यहां रेलवे स्टेशन फूंका गया। जींद में कई थाने व रेलवे स्टेशनों को आग लगा दी गई। कैथल के पूंडरी में बस अड्डे पर पांच बसें फूंकी गईं। पानीपत में टोल प्लाजा में आगजनी हुई। कई सरकारी दफ्तर, पेट्रोल पंप,धर्मशालाएं उपद्रवियों का शिकार बनीं। फतेहाबाद में सहकारी बैंक फूंका गया। रोहतक में शुक्रवार पूरी रात उपद्रवियों ने लूटपाट की। महम में भी ऐसा ही हुआ। हांसी में दोनों गुटों में पथराव और फायरिंग हुई। पूर्व मंत्री अत्तर सिंह सैनी के भाई को गोली लगी है। सोनीपत,गोहाना में कफ्यरू के बाद भी हालात नहीं सुधरे। कैथल में जाट और गैर जाट आपस में भिड़ गए।

राज्य के आठ शहरों में कर्फ्यू लागू है। कुछ जगहों पर गैर जाटों और आंदोलनकारियों के बीच भी झड़प हुई है।मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की 'शांति अपील' को खारिज कर आंदोलनकारी आरक्षण के बाबत अध्यादेश जारी कराने पर अड़े हैं। ताजा हिंसा में जिंद जिले के बुद्ध खेड़ा सहित सात रेलवे स्टेशन फूंके गए हैं। मेहम में एक पुलिस थाना तथा कुछ इमारतों को भी आग लगा दी गई। झज्जर में मंत्री ओपी धनकड़ के घर पर पथराव किया गया। मेहम में पेट्रोल पंप तथा बैंगक्वट हॉल को भी फूंक दिया गया। रोहतक में सेना को पहुंचने से रोकने के लिए सड़क खोद दी गई, जिससे 200 जवानों को हेलिकॉप्टर के जरिए वहां पहुंचाना पड़ा।

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इन हालात के बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक यशपाल सिंघल ने दावा किया कि स्थिति शुक्रवार की तुलना में सुधरी है। जबकि कार निर्माता कंपनी मारुति ने आंदोलन के कारण गुड़गांव और मानेसर संयंत्र में उत्पादन रोक दिया है। इस बीच, भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने अपने जाट नेताओं को 'मिशन शांति' पर लगाया है। जबकि सूत्र बताते हैं कि भाजपा के ही एक सांसद राज कुमार सैनी की बयानबाजी पर आंदोलन और भड़क गया। सूत्रों के मुताबिक भाजपा उन पर कार्रवाई कर सकती है।

आंदोलन का असर

कर्फ्यूः जिंद, हिसार, हांसी, सोनीपत, गोहाना, रोहतक, भिवानी, झज्जर- आठ शहरों में।

-जिंद में तीन सरकारी बसें फूंकीं, रोहतक के बेरी में एक सरकारी दफ्तर में आगजनी।

-भिवानी में एक निजी कॉलेज में आगजनी

सड़क और रेल यातायात

- राज्य से गुजरने वाली अब तक करीब 800 ट्रेनों का संचालन बाधित। दर्जनों के रूट बदले। 200 करो़़ड रपए से ज्यादा का नुकसान।

-दिल्ली- अंबाला (एनएच 44), दिल्ली- हिसार- फजिल्का (एनएच 10) हाई-वे बाधित।

-प्रभावित इलाकों में दूध, सब्जी तथा पेट्रोल की किल्लत।

-राज्य के बड़े हिस्से में जनजीवन अस्त-व्यस्त। स्कूल, दुकानें तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठानें बंद।

-कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित।

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हालात काबू करने के उपाय

- हरियाणा सरकार ने नौ जिलों में सेना बुलाई। रोहतक, भिवानी और जिंद में सेना का फ्लैग मार्च।

- पानीपत, हिसार, झज्जर, जिंद और कैथल समेत कई जगहों पर धारा 144 के तहत निषषेधाज्ञा।

- आंदोलन के संबंध में 129 मुकदमे दर्ज।

- केंद्र ने हालात पर काबू करने के लिए 3300 अ‌र्द्धसैनिक बल भेजे।

क्या चाहते हैं आंदोलनकारी

- ओबीसी कोटे के तहत जाटों को आरक्षण मिले। सरकार अध्यादेश जारी करे।

सरकार की पेशकश -

-सरकार ने मांगें मान ली हैं। (लेकिन ब्योरा नहीं दिया)

- आर्थिक रूप से पिछ़़डों के लिए आरक्षण 10 से ब़़ढाकर 20 फीसदी करने को तैयार।

कहां है पेंच

-2014 में लोकसभा चुनाव के पहले तत्कालीन यूपीए सरकार ने हरियाणा समेत 9 राज्यों के जाट समुदाय को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने की अधिसूचना जारी कर दी।

- यह फैसला राष्ट्रीय पिछ़़डा वर्ग आयोग की उस सिफारिश के खिलाफ था, जिसमें सामाजिक और शैक्षिक आधार पर जाटों को पिछ़़डी जाति मानने से इनकार कर दिया गया था।

- राष्ट्रीय पिछ़़डा वर्ग आयोग की इसी सिफारिश के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने जाटों को ओबीसी में शामिल करने के फैसले को रद्द कर दिया।

-सरकार की मुसीबत यह है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ कैसे आगे ब़़ढे।

जाटों की स्थिति

-हरियाणा में कुल आबादी का करीब 29 फीसदी जाट हैं।

-ज्यादातर खेती के पेशे से जुड़े हैं और आर्थिक आधार पर संपन्न माने जाते हैं।

- जाटों के आरक्षण की मांग के खिलाफ हरियाणा की 35 बिरादरी एकजुट हो गई हैं।

-आंदोलनकारियों का आरोप कि मुख्यमंत्री खट्टर आरक्षण के पक्ष में नहीं हैं।

सपा नेता ने सुझाया विकल्प

उप्र के कैबिनेट मंत्री तथा सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने जाटों को सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करने की सलाह दी है।

सरकार ने मांगें मानी

आंदोलन समाप्त हो सरकार ने मांगें मान ली हैं। आंदोलनकारी अपने घरों को लौट जाएं। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से किसी को फायदा नहीं होगा। इसलिए आंदोलनकारी राज्य में शांति, कानून-व्यवस्था तथा समाज में सौहार्द बनाएं रखें।

- मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री, हरियाणा (हालांकि मुख्यमंत्री ने मांगें स्वीकार किए जाने का ब्योरा नहीं दिया है।)

अध्यादेश के बाद ही आंदोलन खत्म होगा

सरकार जब तक जाटों के आरक्षण के लिए अध्यादेश नहीं लाती तब तक हम आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। हमें खट्टर का महज बयान स्वीकार नहीं है। सरकार को पहले अध्यादेश जारी करना होगा। सरकार को इस बारे में विधानसभा में बिल पास करना चाहिए।

यशपाल मलिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघषर्ष समिति

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