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गृहमंत्री की सुरक्षाबलों को हिदायत, कश्मीर में पैलेट गन का इस्तेमाल करने से बचें

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद से पीड़ित है तो उसे कश्मीर में युवाओं को नहीं भड़काना चाहिए।

By Monika minalEdited By: Updated: Sun, 24 Jul 2016 08:18 PM (IST)

श्रीनगर, प्रेट्र। घाटी का जायजा लेने दो दिवसीय दौर पर जम्मू-कश्मीर गए राजनाथ सिंह ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन उच्च स्तरीय बैठक के बाद पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान सचमुच आतंकवाद से पीड़ित है तो उसे कश्मीर में हिंसा के लिए यहां के युवाओं को नहीं उकसाना चाहिए।

गृहमंत्री ने कहा कि जब एक बार राज्य में शांति आ जाएगी उसके बाद जिस किसी से भी जरूरत होगी हम बात करने को तैयार है। घायलों के इलाज को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री महबूबा अगर जरूरत पड़ी तो घायलों को इलाज के लिए दिल्ली भेजा जा सकता है। सरकार इस बात को सुनिश्चित करेगी कि उन्हें एम्स में इलाज कराया जाएगा।

कश्मीर के साथ है भावनात्मक संबंध

राजनाथ सिंह ने कहा, “हम इस बात को एक बार फिर से बता देना चाहते है कि अगर किसी को शिकायत है तो उसका समाधान केवल बातचीत के जरिए ही हो सकता है। जम्मू-कश्मीर में जो हालात उत्पन्न हुए है उसमें किसी भी तीसरे पक्ष को शामिल किए जाने की कोई जरूरत नहीं है। हमने एक विशेषज्ञों की समिति बनाएं ताकि गैर घातक हथियारों के इस्तेमाल का विकल्प तलाशा जा सके। ये समिति दो महीने के भीतर अपना रिपोर्ट पेश करेगी।”

गृहमंत्री ने आगे कहा, “हम इस बात को स्पष्ट कर देना चाहते हैं भारत सरकार कश्मीर के साथ सिर्फ जरूरतों वाला संबंध ही नहीं बल्कि एक भावनात्मक संबंध रखता आया है।”

गृहमंत्री ने लिया घाटी के सुरक्षा हालातों का जायजा, महबूबा से भी की मुलाकात

कश्मीर पर पाकिस्तान का रवैया नहीं पाक

कश्मीर पर पाकिस्तान की भूमिका को लेकर उसे आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कि वह पाक साफ नहीं है। उसके इस व्यवहार को बदलने की जरूरत है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। पाकिस्तान को सिर्फ अन्य देशों के आंतरिक मामलों में दखल ना देने की हिदायत दी गई है। हमारी सरकार किसी भी तरह के आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगी। इसके लिए हम सभी जम्मू-कश्मीर वासियों से कहना चाहते हैं कि इसमें मदद करें।”

सिविल सोसायटी के डेलीगेशन से मिलते गृहमंत्री

चिंदबरम की सलाह पर होगा विचार

उन्होने आगे कहा कि एक बार जब राज्य में शांति बहाल हो जाएगी उसके बाद पूर्व गृहमंत्री पी. चिंदबरम की तरफ से जो सलाह दी गई है उस पर विचार किया जाएगा। सुरक्षाबलों ने कहा गया है कि जहां तक संभव हो पाए वह पैलेट गन का इस्तेमाल करने से बचें। इसके साथ ही यहां के युवाओं से अपील की है कि वह पत्थरों को इकट्ठा ना करें।

राजनीति पार्टियों के प्रतिनिधि से मिले गृहमंत्री

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने घाटी के हालात को लेकर रविवार को उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और वहां के राजनीतिक पार्टिंयों के प्रतिनिधियों से मिले। गृह मंत्री ने आज बारामूला सीमा क्षेत्र में सिविल सोसायटी, भाजपा और पीडीपी नेताओं के साथ बातचीत की। इसके अलावा वे राज्य मुख्यामंत्री महबूबा मुफ्ती और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ एक प्रतिनिधि मंडल से भी मुलाकात की।

अनंतनाग का किया दौरा

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग इलाके का दौरा किया। वहां पर वे सुरक्षा एजेंसी अौर वरिष्ठ मंत्रियों और सीएम महबुबा मुफ्ती से भी चर्चा की। इसके साथ ही सूबे के हालात पर चर्चा के लिए व्यापारिक संगठनों को भी बुलाया गया था। दो संगठनों ने मिलने से इन्कार कर दिया। लेकिन कांग्रेस ने नहीं मिलने का फैसला किया है। जबकि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार करने वाली नेशनल कांफ्रेंस ने गृहमंत्री से मुलाकात की।

पैलेट गन के प्रयोग पर लगे रोक: गुलाम नबी आज़ाद

वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी अाज़ाद ने केंद्र सरकार से दिल्ली में कश्मीर मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग करते हुए कहा कि लगातार 16 दिन तक जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू के हालात क्यों है? उन्होंने कहा कि घाटी मेें पैलेट गन के प्रयोग पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। हिंसा में मारे गए व घायलों के परिजनों को केंद्र सरकार की अोर से मुअावजा राशि दी जाए।

कांग्रेस ने कहा, कश्मीर पर राजनाथ सिंह से बेहतर कदम की उम्मीद

राज्यपाल के साथ की बैठक

राज्यपाल एनएन वोहरा के साथ बैठक कर राज्य के आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा कर हालात सामान्य बनाने के विभिन्न उपायों पर विचार-विमर्श किया। राज्यपाल से मुलाकात से पहले राजनाथ ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों, केंद्रीय अर्द्ध सैनिकबलों व राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात का जायजा लिया। इसी बैठक में उन्होंने वादी के अपेक्षाकृत शांत इलाकों से कफ्र्यू को जल्द हटाने के निर्देश देने के साथ वादी में बंद मोबाइल फोन सेवाओं को यथासंभव जल्द बहाल करने पर भी जोर दिया।

हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की नौ जुलाई को मौत के बाद से घाटी में तनाव और हिंसा का माहौल व्याप्त है। 15 दिनों के बाद माहौल में थोड़ा सुधार होने के बाद शेष इलाकों में लगा प्रतिबंध थोड़ा कम कर दिया गया है।