बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूछा- क्या यह देश केवल हिंदुओं का ही है
नागपुर में एड्स जागरूकता को लेकर आयोजित किए जा रहे एक कार्यक्रम में वहां पर हनुमान चालीसा पढ़ाए जाने की योजना पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए तीखी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने नागपुर नगर निगम से पूछा है कि क्या भारत सिर्फ हिंदुओं के लिए है?
By Rajesh KumarEdited By: Updated: Wed, 06 Apr 2016 08:14 PM (IST)
नागपुर। नागपुर में एड्स जागरूकता को लेकर आयोजित किए जा रहे एक कार्यक्रम में वहां पर हनुमान चालीसा पढ़ाए जाने की योजना पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए तीखी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने नागपुर नगर निगम से पूछा है कि क्या भारत सिर्फ हिंदुओं के लिए है?
एक याचिका की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने पूछा कि पोद्दारेश्वर राम मंदिर ट्रस्ट की मदद से आयोजित किए जानेवाले एड्स जागरूकता कार्यक्रम में हनुमान चालीसा पढ़ाने के कार्यक्रम करने का आखिर मतलब क्या है?
हाईकोर्ट ने पूछा कि एड्स जागरूकता कार्यक्रम का हनुमान चालीसा पढ़े जाने से आखिर क्या संबंध है? कोर्ट ने ये भी सवाल किया कि सिर्फ हनुमान चालीसा ही पढ़ने का कार्यक्रम क्यों रखा गया है बल्कि कुरान, बाइबिल या फिर किसी दूसरे धार्मिक ग्रंथ को क्यों नहीं पढ़ा जाएगा?ये भी पढ़ें- पानी की बर्बादी पर बॉम्बे HC ने सरकार से कहा, 'IPL से ज्यादा जरूरी लोग'
हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या सिर्फ हिंदू ही एड्स के शिकार होते हैं? हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के जस्टिस भूषण गवाई और स्वप्ना जोशी ने कहा कि क्या हनुमान चालीसा ही एक मात्र उपाय है इस खतरनाक बीमारी को दूर करने के लिए? नागपुर बेंच ने ये भी पूछा कि क्या जो लोग एड्स जागरूकता कार्यक्रम में भाग लेने आएंगे वो कुरान और बाइबिल भी पढ़ने आएंगे? पूर्व पार्षद जनार्दन मून की याचिका पर हाईकोर्ट की तरफ से पूछे गए इन सवालों के बाद नागपुर नगर निगम और कार्यक्रम संयोजक दयाशंकर तिवारी जो कि मौजूदा नगर निगम के सदस्य भी है उन्होंने दोनों कार्यक्रम को अलग-अलग रखने पर अपनी सहमति जतायी।