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बांबे हाई कोर्ट ने करोड़ों के घोटाले में भुजबल से मांगा जवाब

बांबे हाई कोर्ट ने 119.54 करोड़ रुपये के निर्माण और मरम्मत घोटाले में महाराष्ट्र के लोक निर्माण [पीडब्लूडी] मामलों के मंत्री छगन भुजबल और मुख्य सचिव श्यामलाल मुखर्जी को नोटिस जारी कर एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। भुजबल पर सिर्फ एक कांट्रेक्टर को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।

By Edited By: Updated: Thu, 01 May 2014 11:34 PM (IST)
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नागपुर। बांबे हाई कोर्ट ने 119.54 करोड़ रुपये के निर्माण और मरम्मत घोटाले में महाराष्ट्र के लोक निर्माण [पीडब्लूडी] मामलों के मंत्री छगन भुजबल और मुख्य सचिव श्यामलाल मुखर्जी को नोटिस जारी कर एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। भुजबल पर सिर्फ एक कांट्रेक्टर को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।

नागपुर कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन की याचिका पर हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने बुधवार को यह निर्देश दिया। जस्टिस भूषण गंवई और जस्टिस चंद्रकांत भडंग की पीठ ने स्थानीय नेता किशोर कन्हेरे से जुड़े अंकित कंस्ट्रक्शन के खिलाफ पर्याप्त सुबूत होने के बावजूद उसे बचाने पर सख्त नाराजगी जताते हुए इसे शर्मनाक और अनुचित करार दिया। एसोसिएशन का आरोप है कि पिछले कई वर्षो में पीडब्लूडी ने विभिन्न परियोजनाओं पर 119.54 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसका कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। दरअसल, नागपुर स्थित मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास [रामगिरी] और उप मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास [देवगिरी] के मरम्मत में भी भारी अनियमितता उजागर हुई है।

भुजबल और श्यामलाल के अलावा कोर्ट ने पीडब्लूडी के डेस्क ऑफिसर पीजी वंजारी, सचिव वीडी सरदेशमुख और उप सचिव आरबी गडगे को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए। कोर्ट ने पीडब्लूडी के मुख्य इंजीनियर के हलफनामे से भी नाखुशी जताई।

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