तेरह साल बाद गुलबर्ग कांड की सुनवाई पूरी
तेरह वर्षो बाद 2002 गुलबर्ग सोसाइटी कांड की सुनवाई मंगलवार को पूरी हो गई। इस दौरान अब पीडि़तों को फैसले का इंतजार है, क्योंकि इसके लिए अदालत ने अभी कोई तिथि मुकर्रर नहीं की है। हालांकि जज ने कुछ विशेष बिंदुओं को स्पष्ट करने के लिए बचाव व अभियोजन पक्ष
अहमदाबाद। तेरह वर्षो बाद 2002 गुलबर्ग सोसाइटी कांड की सुनवाई मंगलवार को पूरी हो गई। इस दौरान अब पीडि़तों को फैसले का इंतजार है, क्योंकि इसके लिए अदालत ने अभी कोई तिथि मुकर्रर नहीं की है। हालांकि जज ने कुछ विशेष बिंदुओं को स्पष्ट करने के लिए बचाव व अभियोजन पक्ष के वकीलों को 28 सितंबर को बुलाया है। इस कांड में सोसाइटी में रहने वाले कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित अल्पसंख्यक समुदाय के 69 लोगों की मौत हो गई थी। गुजरात में गोधरा नरसंहार के बाद भड़के दंगों में यह सबसे भयानक हिंसक वारदातों में एक है।
गुलबर्ग दंगा पीडि़तों की ओर से पेश एडवोकेट एसएम वोरा ने मंगलवार को जज पीबी देसाई के समक्ष अंतिम दलील दी। वोरा ने कहा कि पहले से बनाए गए आपराधिक षडयंत्र के तहत ही गुलबर्ग सोसाइटी पर हमला हुआ। सुप्रीम कोर्ट के नियमानुसार, ऐसा षडयंत्र सिर्फ आरोपी के आचार-व्यवहार अथवा चरित्र से ही साबित किया जा सकता है, न कि प्रत्यक्ष साक्ष्यों से।