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यमुना में पूजा सामग्री फेंकने पर पांच हजार जुर्माना

गंगा को प्रदूषित करने वाले चीनी मिल पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के बाद राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने अब यमुना को गंदा करने वालों की नकेल कसने का फैसला किया है। न्यायाधिकरण ने यमुना में पूजा सामग्री या कूड़ा फेंकने वालों पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाने

By Rajesh NiranjanEdited By: Updated: Wed, 14 Jan 2015 08:21 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गंगा को प्रदूषित करने वाले चीनी मिल पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के बाद राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने अब यमुना को गंदा करने वालों की नकेल कसने का फैसला किया है। न्यायाधिकरण ने यमुना में पूजा सामग्री या कूड़ा फेंकने वालों पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। मलबा डालने वाले व्यक्ति और रियल एस्टेट कंपनियों पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने यमुना को निर्मल बनाने की अपनी योजना का खाका पेश करते हुए यह अहम आदेश दिया। पीठ ने यमुना के बाढ़ मैदान पर भी हर तरह की निर्माण गतिविधि पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इसका उल्लंघन करने वाली रियल एस्टेट कंपनियों और बिल्डरों पर जुर्माना लगाने के साथ ही कड़ी कार्रवाई का निर्देश भी दिया है।


गौरतलब है कि न्यायाधिकरण ने यमुना जिए अभियान के संयोजक मनोज कुमार मिश्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए दो समितियों का गठन किया था। इन्हीं समितियों की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए एनजीटी ने यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए 'मैली से निर्मल यमुना योजना 2017Ó बनाई है।


एनजीटी के निर्णय का स्वागत करते हुए याचिकाकर्ता मनोज कुमार मिश्र ने कहा कि इस निर्णय का अन्य राज्यों पर भी असर पड़ेगा। हम लगातार इस निर्णय को लागू कराने की कोशिश करते रहेंगे। इससे पहले न्यायाधिकरण ने जनवरी 2013 में यमुना में निर्माण सामग्री और मलबा डालने पर रोक लगा दी थी। एनजीटी ने उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार को तत्काल यमुना से मलबा उठाने का निर्देश भी दिया था।

पीठ ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को किसी भी ऐसी औद्योगिक इकाई को अनुमति न देने का आदेश दिया था, जिससे निकलने वाली गंदगी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से यमुना में जाए। यमुना में मलबा गिराए जाने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन को भी उसके द्वारा गिराए गए मलबे को उठाकर निर्धारित स्थलों पर डालने का आदेश दिया था।

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