हाई कोर्ट ने तमिलनाडु विधानसभा में शक्ति परीक्षण पर रोक बढ़ाई
विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल ने सोमवार को टीटीवी दिनाकरण गुट के 18 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।
चेन्नई, प्रेट्र/आइएएनएस। मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु विधानसभा में शक्ति परीक्षण पर लगी रोक अगले आदेश तक बढ़ा दी है। जस्टिस एम. दुरईस्वामी ने अन्नाद्रमुक के अयोग्य ठहराए गए 18 विधायकों की चुनौती याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। इससे पहले द्रमुक की याचिका पर न्यायाधीश ने 14 सितंबर को दिए गए आदेश में बुधवार तक शक्ति परीक्षण पर रोक लगाई थी। इस मामले में अब चार अक्टूबर को सुनवाई होगी।
विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल ने सोमवार को टीटीवी दिनाकरण गुट के 18 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले के खिलाफ मंगलवार को हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने अयोग्य ठहराने पर रोक तो नहीं लगाई है, लेकिन 18 विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी है।
द्रमुक ने अपनी याचिका में राज्यपाल सी. विद्यासागर राव को विधानसभा का सत्र बुलाने और मुख्यमंत्री पलानीस्वामी को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश देने का आदेश देने की मांग की थी। द्रमुक ने हाई कोर्ट के आदेश को लोकतंत्र की जीत कहा है।
असंतुष्ट 18 विधायकों के वकील दुष्यंत दवे ने हाई कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का कदम पूर्वाग्रह से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक के विधायकों ने इस वर्ष मुख्यमंत्री के सत्ता संभालने के बाद लाए गए विश्वास मत के खिलाफ मतदान किया था। उस समय उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
उन्होंने कहा कि विधायक सिर्फ मुख्यमंत्री बदलने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी भी पार्टी में बने हुए हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष धनपाल के वकील अर्यमा सुंदरम ने जवाब देने के लिए समय की मांग की। द्रमुक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए।
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