हावड़ा में हिंदी भाषी लोगों के हाथों में उम्मीदवारों की किस्मत
हावड़ा शहर में काफी मजबूत स्थिति रखने वाले हिंदीभाषी वोटरों पर इस बार सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस डोरे डाल रही है। पार्टी हिंदीभाषी मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। इसके तहत हिंदीभाषी इलाकों में पार्टी अब छोटे-बड़े विभिन्न संगठनों के जरिये मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की...
हावड़ा। हावड़ा शहर में काफी मजबूत स्थिति रखने वाले हिंदी भाषी वोटरों पर इस बार सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस डोरे डाल रही है। पार्टी हिंदी भाषी मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। इसके तहत हिंदी भाषी इलाकों में पार्टी अब छोटे-बड़े विभिन्न संगठनों के जरिये मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटी है।
इसबार तृणमूल ने हिंदी भाषी एकता मंच को खास तरजीह देते हुए इसके सहारे हिंदी भाषी मतदाताओं को लुभाने की रणनीति बनाई है। यदि आंकड़ों पर गौर करें तो हावड़ा के सात विधानसभा सीटों पर हिंदी भाषी वोटर उम्मीदवारों की किस्मत तय करने की क्षमता रखते हैं। इसे देखते हुए सत्ताधारी दल ने उनको अपने साथ जोड़ने में पूरी ताकत झोंक दी है।
यदि विधानसभा सीटों पर नजर डालें तो उत्तर हावड़ा में करीब 63 फीसद हिंदी भाषी वोटर हैं। उसके बाद मध्य हावड़ा में 42 फीसद, दक्षिण हावड़ा में 32 फीसद, पांचला में 23 फीसद, बाली में 22 फीसद, शिवपुर में 16 फीसद और सांकराइल में 14 फीसद हिंदी भाषी वोटर हैं। ये सभी विधानसभा क्षेत्र हावड़ा नगर निगम के अंतर्गत आते हैं। इन क्षेत्रों में बड़ी तादाद में उत्तर प्रदेश व बिहार के लोग रहते हैं और कुछ मराठी व मारवाड़ी भी हैं।