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हिंदू को मुसलमान बनाने का सीधा प्रसारण

पाकिस्तान के एक टीवी चैनल ने एक हिंदू ब'चे द्वारा जबरन इस्लाम धर्म अपनाने का लाइव प्रसारण किया गया। जिसके बाद एक प्रमुख समाचार पत्र ने लिखा है कि इससे साफ संकेत मिलता है कि पाक में इस्लाम धर्म की तुलना में अन्य धर्मो को बराबरी का दर्जा नहीं मिलता है।

By Edited By: Updated: Sat, 28 Jul 2012 01:08 AM (IST)
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जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। टेलीविजन से दर्शकों को चिपकाए रखने के लिए रियलिटी शो के नाम पर घरेलू झगड़े से लेकर सेलिब्रिटी की शादी दिखाने और यहां तक कि कम से कम कपड़ों में समाचार पढ़ने के प्रयोग पूरी दुनिया में किए जा रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान में जो हुआ है वह तो इंतेहा है। वहां एक रियलिटी शो में हिंदू लड़के को इस्लाम धर्म स्वीकार करते हुए दिखाया गया। इस पर पाकिस्तान के मीडिया जगत में वाजिब और तीखी प्रतिक्रिया हुई है। इस तरह की घटनाओं से वहां के अल्पसंख्यकों को साफ संदेश देने की कोशिश की गई है कि इस्लाम के अलावा और किसी धर्म को सांस लेने की इजाजत नहीं है।

सुनील नाम के इस हिंदू किशोर को मुफ्ती मुहम्मद अकमल की निगरानी में एआरवाई डिजिटल चैनल के स्पेशल रमजान लाइव शो में इस्लाम धर्म स्वीकार करते दिखाया गया। यह शो मंगलवार को प्रसारित किया गया था। माया खान ने इस कार्यक्रम को प्रस्तुत किया। बकौल सुनील, अंसार बर्नी के एनजीओ के लिए काम करने के दौरान उसने धर्म परिवर्तन का फैसला किया था। उस पर कोई दबाव नहीं है। धर्म बदलने के बाद उसका नाम मुहम्मद अब्दुल्ला कर दिया गया।

हिंदू नेताओं ने इस घटना पर चिंता जताई है। उनका मानना है कि इससे दूसरे हिंदुओं पर इस्लाम स्वीकार करने का दबाव बढ़ेगा। लाहौर के हिंदू सुधार सभा के अमरनाथ रंधावा ने कहा, 'हमारे समुदाय में निराशा का माहौल है।' इस शो को लेकर सोशल बेवसाइटों पर भी चर्चा का दौर चल पड़ा है। अखबारों ने भी ऐसे शो का विरोध किया है।

इस टीवी शो को गैरबाजिब करार देते हुए अखबार 'द डॉन' ने इस बात पर अफसोस जताया है कि टीवी चैनलों की गला काट प्रतिस्पर्धा में अब 'धर्म' भी जुड़ गया है। मुनाफा कमाने के लिए जिस तरह से नैतिकता को ताक पर रखा गया है, वह चिंताजनक है। अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा है कि दर्शकों को हरदम कुछ नया और अलग देने के चक्कर में चैनल यह भी भूल गया कि इसका अल्संख्यकों में क्या संदेश जाएगा और पाकिस्तान की बाहरी मुल्कों में क्या छवि बनेगी। धर्म परिवर्तन के इस सीधे प्रसारण के बाद जाहिर की गई खुशी और मुबारकबाद के संदेशों ने यह जता दिया कि पाकिस्तान में दूसरे धर्मो को वह हैसियत नहीं है जो इस्लाम की है। पहले से ही दोयम दर्जे के नागरिक का जीवन बिता रहे हिंदू एवं दूसरे अल्पसंख्यक और भी हाशिये पर चले जाएंगे। ऐसा लगता है कि पाकिस्तानी मीडिया अपनी जिम्मेदारी भूल गया है। उत्तेजना फैलाने वाली सामग्री के प्रसारण से पहले यह नहीं सोचा जा रहा है कि इसका नतीजा क्या होगा? आम लोगों में इसका क्या संदेश जाएगा?' वहीं, कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी के भाई सरीम बर्नी सुनील के साथ दिखाई दिए। मामला सामने आने के बाद अंसार बर्नी ने भाई को अपने एनजीओ से बाहर कर दिया है।

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