हिजबुल आतंकी बुरहान के पिता बने घाटी में विरोध- प्रदर्शनों का नया चेहरा
सुरक्षबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकी बुरहान वानी के पिता मुजफ्फर वानी घाटी में विरोध प्रर्दशनों का नया चेहरा बनकर उभरे हैं।
श्रीनगर। आतंकी बुरहान वानी के पिता घाटी में विरोध प्रर्दशनों का नया चेहरा चेहरा बनकर उभरे हुए हैं। हालात यह है कि उनके आगे सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज जैसे अलगावादियों की छवि फीकी पड़ गयी है।एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, शुक्रवार को घाटी के पंपोर में बुरहान के पिता मुजफ्फर वानी के साथ हजारों प्रर्दशनकारियों ने रैली निकाली। जबकि शुक्रवार को ही हुर्रियत ने भी हजरतबल तक मार्च की घोषणा की थी, लेकिन लोगों ने हुर्रियत के नेताओॆ को सुनने की बजाए मुजफ्फर वानी को सुनने में ज्यादा रुचि दिखाई।
हालिया दिनों के दौरान गिलानी, मीरवाइज उमर फारूख और यासिन मलिक ने मिलकर घाटी में एक अंब्रैला सेपरेटिस्ट ग्रुप बनाया गया है और इसी ग्रुप ने शुक्रवार को 'दरगाह चलो' नाम से एक विरोध प्रर्दशन का आयोजन किया था। लेकिन इस विरोध प्रदर्शन को लेकर लोगों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, वहीं दक्षिण कश्मीर के पंपोर स्थित खीर्यू में मुजफ्फर वानी के नेतृत्व में हुई रैली में युवा कर्फ्यू तोड़कर शामिल हुए।
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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य आकर्षण बुरहान के पिता मुजफ्फर वानी थे। मुजफ्फर वानी को हथियारों से लैस कई आतंकियों द्वारा बोलेरो में लाया गया था। उन्होंने विरोध प्रदर्शन में जमा हुई भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने दो बेटों को खोने के बाद अब एकमात्र बेटी को भी "भारतीय कब्जे" के खिलाफ लड़ाई में आगे करने को तैयार हैं।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि मुजफ्फर वानी के पिता के साथ इस रैली में शामिल एक आतंकी ने भीड़ को संबोधित करते हुए अपील की कि वे सुरक्षाबलों और निजी वाहनों पर पत्थरबाजी ना करें क्योंकि इससे पुलिस को मौका मिलेगा नतीजन लोगों को जान गंवानी पड़ेगी। इस प्रर्दशन में हुर्रियत का कोई भी नेता शामिल नहीं था। इसके बाद गिलानी समर्थकों ने मोबाइल के जरिये उनके संबोधन को लोगों तक पहुंचाया।
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