गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- नाम तो पाक, लेकिन सारी हरकतें ना'पाक'
राज्यसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कहने को तो पाकिस्तान है लेकिन हर हरकत नापाक है।
नई दिल्ली, एएनआई। कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ पूरी संसद सोमवार को एकजुट दिखी। राज्यसभा में चर्चा के दौरान सभी राजनीतिक दल आतंक और अलगाव के खिलाफ कड़ाई से निपटने के मुद्दे पर सहमत थे। वैसे, कुछ दलों ने ताजा हालात से निपटने के तरीके पर सवाल उठाया और सुरक्षा बलों की ओर से जरूरत से ज्यादा बल प्रयोग से बचने की सलाह दी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घाटी में आम जनता के साथ संवाद का सिलसिला शुरू करने का एलान करते हुए कहा कि यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि ताजा हालात 'पाक की नापाक साजिश' का नतीजा है।
विपक्षी दलों की ओर से उठाए गए मुद्दों पर सरकार की ओर से दी गई सफाई में कश्मीर में ताजा हालात से निपटने की रणनीति के संकेत मिले। वित्त मंत्री अरुण जेटली और बाद में राजनाथ सिंह ने आम जनता के साथ संवाद की नई शुरुआत करने का भरोसा दिया। राजनाथ ने पाकिस्तान को सबसे कड़े शब्दों में फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि इसका नाम भले ही पाकिस्तान है, इसकी सारी हरकतें नापाक हैं। कश्मीर के ताजा हालात पाकिस्तान की इन्हीं नापाक हरकतों की देन है।
राजनाथ ने भरोसा दिया कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए 'छर्रे वाली गोलियों' के बजाय भविष्य में वाटर-कैनन और आंसू गैस का प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हालात सामान्य होने के बाद वह जल्द ही मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात कर आम जनता से संवाद का सिलसिला शुरू करेंगे। लेकिन इस संवाद में हुर्रियत जैसे अलगाववादी संगठनों की कोई जगह नहीं होगी। हुर्रियत का जिक्र तक नहीं:चर्चा के दौरान सभी दलों ने एक स्वर से कश्मीर में पाकिस्तानी दखल की निंदा की। सबसे अहम बात यह रही कि सभी दलों ने एक स्वर में अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस को पार्टी मानने से इनकार कर दिया।
चर्चा के दौरान किसी ने उसका जिक्र तक नहीं किया। आतंक से लड़ाई में साथ:चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने सुरक्षा बल के अत्यधिक प्रयोग पर सतर्क किया और कहा कि इससे अलगाववादी भावना को हवा ही मिलेगी। लेकिन उन्होंने आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार को पूरा सहयोग का भरोसा भी दिया।
आजाद ने पाकिस्तान को सारी समस्याओं की जड़ करार दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओछी हरकतों के कारण भारत में भी कुछ लोग अल्पसंख्यक समुदाय को संदेह की निगाह से देखते हैं। आतंकी बुरहान वानी की मौत पर काला दिवस मनाने पर पाकिस्तान पर तीखा कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जैसे सीमा पार के हालात हैं, वहां रोज काला दिवस मनाया जाए तो भी कम है।माकपा की ओर सीताराम येचुरी और सपा की ओर से नरेश अग्रवाल ने भी आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई का समर्थन किया।
हिंसा की कुल 506 घटना
राजनाथ सिंह ने कश्मीर हिंसा और उसके बाद घाटी में उत्पन्न हुए हालात के बारे में बोलते हुए कहा कि अब तक कश्मीर में हिंसा की कुल 506 घटनाएं हुई है। जिसमें 25 संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया गया। इस हिंसा में 1948 नागरिक और 1671 सुरक्षाकर्मी घायल हुए। उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान कम से कम बल प्रयोग के निर्देश दिए गए थे। इस वक्त केवल 204 नागरिक ही अस्पताल में भर्ती हैं।
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गृहमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों की आंखों में भी चोटें आई थी लेकिन उसके लिए यहां के आंखों के डॉक्टर की टीम भेजी गई है। राजनाथ ने यह भी बताया कि कश्मीर के हालात पर उन्होंने रोजना अधिकारियों से की। फिलहाल कश्मीर की जनता क साथ संवाद की जरुरत है।
बुरहान वानी पर थे 15 केस दर्ज
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जो लोग बुरहान वानी के पक्ष में प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें यह समझना चाहिए कि वह सिर्फ एक आतंकी था। उसके खिलाफ कुल 15 केस दर्ज किए गए थे। बुरहान वानी के खिलाफ खुफिया रिपोर्ट के आधार पर पुलिस बल ने कार्रवाई की थी।
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