Move to Jagran APP

हुड्डा सरकार ने वाड्रा को पहुंचाया बेजा लाभ

देश की नामी कंपनियों ने हरियाणा में हुड्डा सरकार के कार्यकाल में किसानों की जमीन कौडिय़ों के भाव खरीद रियल इस्टेट कंपनियों को कई गुणा अधिक दाम पर बेचकर मुनाफा कमाया है। इनमें रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हास्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है। हुड्डा सरकार के समय इन कंपनियों

By Sanjay BhardwajEdited By: Updated: Thu, 26 Mar 2015 01:37 AM (IST)
Hero Image

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो। देश की नामी कंपनियों ने हरियाणा में हुड्डा सरकार के कार्यकाल में किसानों की जमीन कौडिय़ों के भाव खरीद रियल इस्टेट कंपनियों को कई गुणा अधिक दाम पर बेचकर मुनाफा कमाया है। इनमें रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हास्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है। हुड्डा सरकार के समय इन कंपनियों ने 15 फीसद से अधिक लाभ की राशि सरकार के खाते में जमा नहीं कराई, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा।

वित्तीय वर्ष 2013-14 की कैग (नियंत्रक महालेखा परीक्षक) रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। बुधवार को यहां जारी कैग रिपोर्ट के अनुसार रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने शिकोहपुर गांव की भूमि को मूल लागत से 7.73 गुणा अधिक रेट पर डीएलएफ यूनिवर्सल को बेचा था। कैग रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने 15 फीसद से अधिक लाभ वाली राशि भी सरकारी कोष में जमा नहीं कराई। कैग के अनुसार वाड्रा की कंपनी ने लगभग पौने आठ गुणा दाम पर बेचा, लेकिन चार अन्य कंपनियों ने तो कई गुणा अधिक दाम पर जमीनें बेची।

रिपोर्ट के मुताबिक पांच लाइसेंस धारक कंपनियों ने जमीन बेचकर 267.47 करोड़ रुपये कमाए। कैग की रिपोर्ट के अनुसार इन कंपनियों ने भूमि को कुल 52.26 करोड़ रुपये में खरीदा था। भूमि सौदों में कंपनियों ने 215.21 करोड़ रुपये का कुल लाभ कमाया। बावजूद इसके सरकार अपने लाभ के हिस्से से वंचित रही। कैग ने ग्राम एवं आयोजन विभाग पर भी सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक विभाग ने लाइसेंसों की सैद्धांतिक व औपचारिक मंजूरी देते समय भी ये सुनिश्चित नहीं किया कि 15 फीसद से अधिक राजस्व लाभ कंपनियों को सरकार के पास जमा कराना होगा। विभाग ने ऐसा न कर कंपनियों को लाभ कमाने के लिए खुला छोड़ा जिससे सरकार को बड़ी राशि गंवानी पड़ी।

ये भी हैं कुछ बड़ी मछलियां

कैग की रिपोर्ट के मुताबिक नियमों को ताक पर रखकर मुनाफा कमाने में उप्पल हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड भी पीछे नहीं रही। मार्च 2013 में कंपनी ने अपनी सब्सिडीयर कंपनी सौम्य रियलटेक को कई गुणा दामों पर 69.50 करोड़ रुपये में जमीन बेची।

मेसर्स सन स्टार बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, विटनेस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और बोटिल ऑयल टूल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने लाइसेंस मिलने के कुछ महीने के भीतर ही अपने सहयोगी डवेल्पर्स को मूल लागत से 303 और 880 गुणा अधिक दाम पर भूमि बेची।

आरोप निराधार: सुरेजवाला

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि वाड्रा मामले में कुछ भी नियमों के विपरीत नहीं हुआ। आरोप पूरी रह निराधार हैं।

''कैग रिपोर्ट से सिद्ध हो गया है कि वाड्रा-डीएलएफ लैंड लाइसेंस डील पर मेरी कार्रवाई सही थी, किंतु इसके बावजूद में चार्जशीट दंश झेल रहा हूं क्योंकि मुख्य अपराधी आज भी फैसले को प्रभावित कर रहे हैं। क्या अब कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी?'' -अशोक खेमका, आइएएस

पढ़ें : राजस्थान सरकार ने जब्त की वाड्रा को बेची जमीन

पढ़ें : रॉबर्ट वाड्रा पर कसा आयकर विभाग का शिकंजा, कांग्रेस बिफरी