राष्ट्रपति के इलाहाबाद यूनिवर्सिटी दौरे से पशोपेश में मंत्रालय
मंत्रालय ने यह सिफारिश उनके खिलाफ मिली शिकायतों को लेकर कराई गई जांच की रिपोर्ट सामने आने के बाद की थी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के 15 दिसंबर के प्रस्तावित इलाहाबाद विश्वविद्यालय दौरे से मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारी पशोपेश में है। यह स्थिति तब है, जब हाल ही में मंत्रालय ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हंगलू के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कराने और उन्हें हटाने की सिफारिश की है।
मंत्रालय ने यह सिफारिश उनके खिलाफ मिली शिकायतों को लेकर कराई गई जांच की रिपोर्ट सामने आने के बाद की थी। जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ पद का दुरुपयोग करने और अनियमितता का मामला पाया गया है।
मंत्रालय में यह हलचल उस समय तेज हुई है, जब राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से राष्ट्रपति के विश्वविद्यालय दौरे का प्रस्तावित प्रोग्राम मंत्रालय के पास पहुंचा। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय के आला अधिकारियों ने इसी बीच इस पूरे मामले में बैठक की है। जिसमें राष्ट्रपति सचिवालय को पूरे मामले की जानकारी देने को लेकर भी चर्चा हुई है।
माना जा रहा है कि मंत्रालय इस मामले में जल्द ही अपनी तरफ से राष्ट्रपति भवन के सचिवालय को जानकारी देगा। मंत्रालय इस मामले को वैसे भी गंभीर है, क्योंकि राष्ट्रपति का इलाहाबाद विश्वविद्यालय का दौरा विश्वविद्यालय के कुलपति के बुलावे पर ही हो रहा है। प्रस्तावित प्रोग्राम के तहत राष्ट्रपति विश्वविद्यालय में शुरु किए गए कुछ नए विभागों का शुभारंभ करेंगे। साथ ही विवि के इंटरडिसिपलिनरी स्टडीज इंस्टीट्यूट में शुरु की गई नई गतिविधियों का भी जायजा लेंगे।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय का केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा होने के चलते इसके विजिटर राष्ट्रपति ही है। कुलपति के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कराने और उन्हें हटाने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी है।
यह भी पढ़ें: एएमयू में शिया-सुन्नी के अलग-अलग चल रहे विभाग हों बंद: यूजीसी