महाराष्ट्र में थमी सियासी कलह
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राजग और संप्रग की जंग से पहले दोनों धड़ों का आपसी घमासान थम गया है और घटक दल फिर से दोस्त बनकर मोर्चा संभालने की तैयारी में जुट गए हैं। टूट की कगार से वापस आकर भाजपा और शिवसेना ने सीटों के बंटवारे पर फिर से बात शुरू कर दी है। यह और बात है कि पुरानी दोस्ती को बचाने के लिए नए और छोटे दोस्तों को कुर्बानी देनी होगी। दूसरी तरफ, यह भी लगभग तय हो गया है कि अलग-अलग चुनाव लड़ने की बात कर रही कांग्रेस और एनसीपी के बीच बुधवार तक समझौते का ऐलान हो जाएगा। बुधवार शाम या गुरुवार सुबह तक उम्मीदवारों की घोषणा भी हो सकती है। भाजपा और शिवसेना ने पहले ही अधिकतर सीटों के लिए सूची बना ली है। 27 सितंबर नामांकन की अंतिम तिथि है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राजग और संप्रग की जंग से पहले दोनों धड़ों का आपसी घमासान थम गया है और घटक दल फिर से दोस्त बनकर मोर्चा संभालने की तैयारी में जुट गए हैं। टूट की कगार से वापस आकर भाजपा और शिवसेना ने सीटों के बंटवारे पर फिर से बात शुरू कर दी है। यह और बात है कि पुरानी दोस्ती को बचाने के लिए नए और छोटे दोस्तों को कुर्बानी देनी होगी। दूसरी तरफ, यह भी लगभग तय हो गया है कि अलग-अलग चुनाव लड़ने की बात कर रही कांग्रेस और एनसीपी के बीच बुधवार तक समझौते का ऐलान हो जाएगा। बुधवार शाम या गुरुवार सुबह तक उम्मीदवारों की घोषणा भी हो सकती है। भाजपा और शिवसेना ने पहले ही अधिकतर सीटों के लिए सूची बना ली है। 27 सितंबर नामांकन की अंतिम तिथि है।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर शुरू हुई सीटों की मारामारी ने भाजपा और शिवसेना को दो ऐसे छोर पर खड़ा कर दिया था, जहां वार्ता की पहल भी मुश्किल होने लगी थी। लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हस्तक्षेप और शिवसेना के नरम पड़े रुख और बहुत कुछ मजबूरी ने गठबंधन बचा लिया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच संवाद हुआ तो भाजपा की 130 सीटों की मांग को खारिज कर चुके शिवसेना नेताओं ने मुंबई में भाजपा कार्यालय जाकर फिर से वार्ता शुरू की। दोनों दलों के नेताओं ने पहली बार यह भी स्पष्ट कर दिया कि सीटों पर बातचीत हो जाएगी। कोई भी दल गठबंधन तोड़ना नहीं चाहता है। राजग के दूसरे छोटे सहयोगियों से बातचीत कर सीटों का बंटवारा हो जाएगा।