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मुझे डराया-धमकाया गया: अजीज कुरैशी

उत्तराखंड के राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी ने कहा है कि जब मैं उत्तर प्रदेश का राज्यपाल था तो मुझे डराया-धमकाया गया। फिर भी मैंने जौहर यूनिवर्सिटी के बिल पर हस्ताक्षर कर नाइंसाफी और जुल्म के खिलाफ काम किया। कुरैशी बुधवार को जौहर यूनिवर्सिटी में याद-ए-जौहर कार्यक्रम में बोल रहे थे।

By manoj yadavEdited By: Updated: Thu, 11 Dec 2014 07:58 AM (IST)
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जागरण संवाददाता, रामपुर। उत्तराखंड के राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी ने कहा है कि जब मैं उत्तर प्रदेश का राज्यपाल था तो मुझे डराया-धमकाया गया। फिर भी मैंने जौहर यूनिवर्सिटी के बिल पर हस्ताक्षर कर नाइंसाफी और जुल्म के खिलाफ काम किया।

कुरैशी बुधवार को जौहर यूनिवर्सिटी में याद-ए-जौहर कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश का राज्यपाल रहते हुए मैंने जौहर यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक किरदार के बिल पर हस्ताक्षर किया तो मुझे डराया और धमकाया गया, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं। मुझे पद और ओहदे का लालच नहीं है। सच्चाई का झंडा हमेशा बुलंद रहेगा। जौहर यूनिवर्सिटी का विरोध करने वालों का मुंह काला होगा। वह कटघरे में खड़े होंगे। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी देखकर मैं हैरत में हूं। कैबिनेट मंत्री आजम खां को तारीख कभी भी भुला नहीं सकेगी।

कार्यक्रम में मौजूद कैबिनेट मंत्री आजम खां ने कहा कि अजीज कुरैशी साहब ने यूनिवर्सिटी के बिल पर हस्ताक्षर कर हम पर बहुत बड़ा अहसान किया है, जिसे चुका नहीं पाएंगे। यह नस्लों पर अहसान है। तीन राज्यपाल बदल गए। उनके दिल को हमारे आंसू भी नहीं पिघला सके। हम उनके पास जाकर रोते थे। राज्यपाल कहते थे कि यह तालीमी इदारा नहीं, साजिश है। बिल गुमनामी के ख्याल में चला गया था, जिस पर कभी हस्ताक्षर नहीं होते। हमने दुआ मांगी कि अजीज कुरैशी साहब को चार्ज मिल जाए और हमारी दुआ कुबूल हुई।

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