भारत ने यमन से भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने की मुहिम में 'वसुधैव कुटुंबकम' की अपनी भूमिका को चरितार्थ किया है। भारतीय नौसैनिक बड़ी ही जांबाजी से अपने जहाज आइएएनएस मुंबई में कुल 440 लोगों को युद्धग्रस्त यमन से सुरक्षित भारत के तटीय शहर दिबाउती ले आए। इसमें भारतीयों के
By Sanjay BhardwajEdited By: Updated: Mon, 06 Apr 2015 01:29 AM (IST)
नई दिल्ली। भारत ने यमन से भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने की मुहिम में 'वसुधैव कुटुंबकम' की अपनी भूमिका को चरितार्थ किया है। भारतीय नौसैनिक बड़ी ही जांबाजी से अपने जहाज आइएएनएस मुंबई में कुल 440 लोगों को युद्धग्रस्त यमन से सुरक्षित भारत के तटीय शहर दिबाउती ले आए। इसमें भारतीयों के अलावा 17 अन्य देशों के भी नागरिक शामिल हैं। इन लोगों में 260 लोग ही भारतीय हैं बाकी 176 विदेशी हैं। इसके अलावा, तीन विमानों से 670 से अधिक भारतीयों को राहत अभियान के तहत भारत लाया गया। देर रात वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान से 225 भारतीयों की एक और खेप को दिबाउती वापस लाया गया है।
भारतीय सशस्त्र सेनाओं की सफलता की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी ट्वीट कर सराहना की है। उन्होंने कहा कि अब तक युद्धग्रस्त यमन से करीब 2525 भारतीयों को सुरक्षित भारत लाया गया है। यह अब तक का सबसे बड़ा बचाव अभियान है। उन्होंने सना से एयर इंडिया के तीन विमानों से 488 लोग के लाए जाने के लिए एयर इंडिया का भी धन्यवाद किया।
विदेश मंत्रालय के सचिव सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट कर कहा कि मुसीबतजदा भारतीयों को बचाने के साथ ही अन्य देशों के पीडि़तों को भी सुरक्षित लाने का काम किया गया है। अब तक तक भारत के अलावा अफ्रीका, एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के कुल बीस देशों के नागरिकों को यमन से भारतीय नौसेना और वायुसेना ने सुरक्षित निकाला है। भारत के लिए वसुधैव कुटुंबकम की सूची बढ़ती जा रही है और अब पूरा संसार एक परिवार की तरह है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कार ने कहा कि भारतीय नौसेना के जहाज आइएएनएस के जरिए यमन से यहां बचाकर लाए गए विदेशी लोगों में 4 हंगरी, यमन 93, ब्रिटेन 24, रूस 2, फ्रांस 8, मिस्र 19, नेपाल 1, कनाडा 2, लेबनान 3, श्रीलंका 1, मोरक्को 1, सीरिया 2, जार्डन 5, इटली 1, रोमानिया 2, स्वीडन 5, अमेरिका के 3 हैं। इस मानवीय प्रयास में एडन बंदरगाह से इन सभी को लाया गया है।
आइएनएस मुंबई दिबाउती बंदरगाह पहुंच चुका है। इस जहाज पर 240 पुरुष, 121 महिलाएं और 80 बच्चे हैं। राहत कूटनाम वाले इस अभियान के तहत यमन के एडन बंदरगाह पर भारी बमबारी के बीच इन लोगों को सुरक्षित लाने में कामयाबी मिली है। इस जहाज को एडन बंदरगाह से पांच किलोमीटर दूर खड़ा करना पड़ा था क्योंकि यमन प्रशासन से इसे प्रवेश की मंजूरी नहीं मिल पाई थी।भाजपा ने मोदी के अभियान को सराहा
नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने युद्धग्रस्त यमन से अब तक कुल 1800 भारतीयों को सुरक्षित भारत लाने के केंद्र सरकार के अभियान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुले दिल से प्रशंसा की है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने एक बयान जारी करके कहा कि यमन में फंसे भारतीयों को निकालने में सरकार कामयाब रही है। इनमें से अधिकांश लोग उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना के हैं जो वहां रोजगार के लिए गए थे। विश्व में जब भी कहीं भारतीयों पर कोई मुसीबत आती है प्रधानमंत्री मोदी उनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दस महीनों में मोदी सरकार ने यूक्रेन से एक हजार छात्रों, इराक से नर्सो समेत सात हजार भारतीयों और सीरिया में फंसे तीन हजार भारतीयों को सुरक्षित निकाला है।
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