IAF में स्थाई कमीशन देने की मांग को लेकर विंग कमांडर पूजा ने किया कोर्ट का रुख
इंटर सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी विंग कमांडर पूजा ठाकुर ने उन्हें स्थाई कमिशन न देने के खिलाफ ट्राइब्यूनल का रुख किया है।
नई दिल्ली (पीटीआई)। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे के वक्त उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देने वाली विंग कमांडर पूजा ठाकुर को स्थाई कमिशन देने से इंकार करने के बाद उन्होंने आर्म्ड फोर्स ट्राइब्यूनल का रुख किया है। वर्ष 2015 में ओबामा को राष्ट्रपति भवन में इंटर सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर का नेतृत्व करने वाली वह पहली महिला अधिकारी हैं।
अपनी याचिका में उन्होंने कहा हैै कि भारतीय वायु सेना ने उनको स्थाई कमिशन देने से इंकार कर दिया है। उन्होंने इस निर्णय को पक्षपात और भेदभाव से भरा बताया है। साथ ही उन्होंने अपनी याचिका में भारतीय वायु सेना के इस निर्णय को पूरी तरह से अनुचित बताया है। ट्राइब्यूनल ने उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया है। उनके वकील सुधांशू पांडे ने बताया हैै कि बराक ओबामा ने अपनी उस यात्रा के बाद पूजा की काफी तारीफ की थी। उन्होंने महिलाओं को सेना में शामिल करने को भारत का एक बेहतरीन कदम भी बताया था।
खुद पूजा ठाकुर ने उस पल को अपने जीवन का बेहतरीन पल बताया था। पूजा ठाकुर ने वर्ष 2000 में भारतीय वायु सेना की प्रशासनिक शाखा में में ज्वाइन किया था। फिलहाल में वह दिशा में नियुक्त थीं जो वायु सेना मुख्यालय में डायरेक्टरेट ऑफ पसर्नल ऑफिसर के अंंतर्गत आता है। अपनी नियुक्ति के दौरान वह आईएएफ मोबाइल गेम 'गार्जियन ऑफ स्काई' से जुडी रही है। यह गेम तकनीकी रूप से जागरुक छात्रों के लिए डेवलेप किया गया है।
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