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'घर वापसी' वाजिब नहीं तो धर्मातरण भी गलत

धर्मातरण पर संसद में मचे बवाल को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि 'घर वापसी' यदि वाजिब नहीं है, तो धर्मातरण भी गलत है। गत दिनों विभिन्न मुद्दों पर कई बार संसद में हुए हंगामे की पृष्ठभूमि में नायडू ने आश्चर्य जताते हुए रविवार को

By Murari sharanEdited By: Updated: Sun, 14 Dec 2014 11:32 PM (IST)
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हैदराबाद। धर्मातरण पर संसद में मचे बवाल को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि 'घर वापसी' यदि वाजिब नहीं है, तो धर्मातरण भी गलत है। गत दिनों विभिन्न मुद्दों पर कई बार संसद में हुए हंगामे की पृष्ठभूमि में नायडू ने आश्चर्य जताते हुए रविवार को कहा कि सरकार का जवाब सुने बिना विपक्ष आखिर कैसे सदन छोड़कर जा सकता है।

धर्मातरण के मुद्दे पर विपक्ष की आलोचना का हवाला देते हुए नायडू ने इस मामले में कांग्रेस पर चर्चा नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे भाजपा शासित राज्यों में हम धर्मातरण पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून लाए। इस पर उनके पास कोई जवाब नहीं था। वे वॉकआउट कर गए। हजारों और लाखों लोग धर्मातरण कर रहे हैं। इस पर गंभीरता से चर्चा की जरूरत है, लेकिन यही बात कांग्रेस को परेशान करती है।

नायडू ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि हम बाहर से आ रहे धन की मदद से धर्मातरण की कोशिशों के खिलाफ हैं। साथ ही हम एकतरफा धर्मातरण पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाने जा रहे हैं। इस पर राष्ट्रव्यापी बहस की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि यदि आप मुद्दा उठाते हैं और आप पहले बोल चुके हैं, तो आपको उत्तर सुनने के लिए तैयार रहना चाहिए। यदि आप जवाब सुनने को तैयार नहीं हैं, तो इसका मतलब आपकी मंशा सिर्फ प्रचार पाने की है। आप सोचते हैं कि आप सरकार को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्मातरण के मुद्दे पर जब वह जवाब दे रहे थे तो विपक्षी सदस्य सदन छोड़कर चले गए।

नायडू ने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा और स्वयं वह सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों के आधारहीन बयानों की भ‌र्त्सना कर चुके हैं। सरकार के गुड गवर्नेस और विकास के एजेंडे से पीछे हटने या उसे कमजोर करने का कोई सवाल ही नहीं है। भाजपा और नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए ऐसी गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं।

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