सीएम आनंदीबेन का फरमान, घर में टॉयलेट हो तो ही लड़ने दें चुनाव
देश में वार्ड पंच से लेकर प्रधानमंत्री तक का चुनाव लड़ने के लिए भले कोई अनिवार्यता नहीं हो लेकिन गुजरात में चुनाव लड़ने के लिए मुख्यमंत्री ने घर में टॉयलेट होने की शर्त रखी है ताकि महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म जैसे अपराध रुके। कांग्रेस महासचिव निशित व्यास ने इसे भाजपा की कोरी बयानबाजी बताया है। महिला सशक्तीक
By Edited By: Updated: Mon, 04 Aug 2014 07:43 PM (IST)
अहमदाबाद [शत्रुघ्न शर्मा]। देश में वार्ड पंच से लेकर प्रधानमंत्री तक का चुनाव लड़ने के लिए भले कोई अनिवार्यता नहीं हो लेकिन गुजरात में चुनाव लड़ने के लिए मुख्यमंत्री ने घर में टॉयलेट होने की शर्त रखी है ताकि महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म जैसे अपराध रुके। कांग्रेस महासचिव निशित व्यास ने इसे भाजपा की कोरी बयानबाजी बताया है।
महिला सशक्तीकरण अभियान के तहत महिला जल समितियों के सम्मान समारोह में गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने कहा कि राज्य के हर घर में टॉयलेट हो तथा महिलाओं को पानी के लिए भटकने से मुक्ति दिलाना उनके एजेंडे में सबसे ऊपर है। महिला सशक्तीकरण के नाम पर दो कदम आगे बढ़ते हुए आनंदीबेन ने कहा कि वार्ड पंच से लेकर विधानसभा व लोकसभा का चुनाव उसे ही लड़ने देना चाहिए जिसके घर में टॉयलेट हो। घर में टॉयलेट नहीं होने पर व्यक्ति को चुनाव नहीं लड़ने दिया जाए। तर्क यह है कि टॉयलेट नहीं होने के कारण महिलाओं को घर से बाहर शौच करने जाना पड़ता है जिससे कई बार उन्हें दुष्कर्म का भी शिकार होना पड़ता है। हालांकि साथ में उन्होंने जोड़ा इसका फैसला चुनाव आयोग को ही करना है लेकिन इतना तय है कि आयोग से हरी झंडी नहीं मिलने पर भी गुजरात भाजपा इस पर अमल करते हुए आगामी निकाय चुनाव में घर में टॉयलेट होने की शर्त को प्रमुखता दे सकती है। प्रदेश कांग्रेस महासचिव निशित व्यास का कहना है कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था खराब है, शहरों में हर घर में टॉयलेट है फिर भी शहरों में ही अधिक दुष्कर्म व छेड़खानी की घटनाएं होती हैं। व्यास ने भाजपा की कथनी व करनी में अंतर बताते हुए कहा कि इनको कानून व संविधान से इतर जाकर बयानबाजी करने की आदत है।