इंडियन मुजाहिदीन और अंडरवर्ल्ड में गहरे रिश्ते
महाराष्ट्र एटीएस ने 13 जुलाई 2011 को मुंबई मे हुए तिहरे बम धमाको मे अंडरवर्ल्ड और इंडियन मुजाहिदीन के बीच गठजोड़ का पर्दाफाश किया गया है। एटीएस के आरोपपत्र मे दुबई के मुजफ्फर कोला को तिहरे धमाको के आरोपी मुस्तफा दोसा का सहयोगी बताया गया है। कोला दुबई मे मुजफ्फर कोला इंटरप्राइजेज नाम से कंपनी चलाता है।
By Edited By: Updated: Sun, 27 May 2012 11:00 PM (IST)
मुंबई। महाराष्ट्र एटीएस ने 13 जुलाई 2011 को मुंबई में हुए तिहरे बम धमाकों में अंडरवर्ल्ड और इंडियन मुजाहिदीन के बीच गठजोड़ का पर्दाफाश किया गया है। एटीएस के आरोपपत्र में दुबई के मुजफ्फर कोला को तिहरे धमाकों के आरोपी मुस्तफा दोसा का सहयोगी बताया गया है। कोला दुबई में मुजफ्फर कोला इंटरप्राइजेज नाम से कंपनी चलाता है।
सूत्रों के मुताबिक, कोला ने आइएम के सरगना यासीन भटकल को 10 लाख रुपये दिए थे। इसी पैसे का विस्फोटों में इस्तेमाल किया गया। कोला दोसा और उसके फरार भाई मोहम्मद दोसा के साथ जुड़ा रहा है। कोला के कहने पर ही हवाला कारोबारी कंवर पथरीजा ने शिवानंद को 10 लाख रुपये दिए थे। बाद में पता चला कि शिवानंद ही यासीन भटकल है। एटीएस सूत्रों का कहना है कि इस गठजोड़ का पता चलने के बाद हम धमाकों में अंडरवर्ल्ड की मदद से इन्कार नहीं कर सकते। मुंबई के दादर, झावेरी बाजार और ओपेरा हाउस में 13 जुलाई 2011 को धमाके हुए थे। इसमें 27 लोग मारे गए थे और 127 घायल हुए थे। दोसा वर्ष 1993 के सिलसिलेवार धमाकों का भी आरोपी है। उस हमले का एक अन्य आरोपी मोहम्मद दोसा फरार है। 1993 के धमाकों में अबु सलेम सहित कई लोगों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। एटीएस का कहना है कि पिछले साल हुए तिहरे धमाकों के दो महीने बाद बम लगाने वालों की शिनाख्त की गई थी। यह सीसीटीवी फुटेज से संभव हुआ था।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर