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विभाग बंटवारे में मोदी की राह पर चले फड़नवीस

मंत्रालयों का बंटवारा दर्शाता है कि फड़नवीस 'अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार' की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति पर चल रहे हैं।

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Sun, 02 Nov 2014 10:31 PM (IST)
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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने रविवार को अपने मंत्रियों को विभाग बांट दिए। मुख्यमंत्री ने गृह, शहरी विकास, आवास और स्वास्थ्य विभाग अपने पास ही रखे हैं। मंत्रालयों का बंटवारा दर्शाता है कि फड़नवीस 'अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार' की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति पर चल रहे हैं। फड़नवीस ने एक मंत्री को कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी है।

फड़नवीस के मंत्रालय बंटवारे को देखकर जो एक बात सामने आती है, वह यह कि उन्होंने एक तरह के मंत्रालय एक ही मंत्री को देने में दिलचस्पी दिखाई है। मसलन, पहले स्कूल और उच्च शिक्षा, चिकित्सकीय शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण के लिए अलग मंत्री होते थे। अब ये सभी विभाग विनोद तावड़े को सौंपे गए हैं। तावड़े को मानव संसाधन विकास मंत्रालय भी दिया गया है।

इससे पहले राज्य में इस मंत्रालय का अस्तित्व ही नहीं था। हालांकि यह व्यवस्था मंत्रिपरिषद के अगले विस्तार तक के लिए ही है। एक वरिष्ठ नौकरशाह का कहना है कि मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण ज्यादा से ज्यादा विभागों को एक साथ करने वाला है, जिससे संसाधनों एवं ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल संभव हो सकेगा। महाराष्ट्र विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र 10 नवंबर से शुरू होगा। 12 नवंबर को सरकार विश्वासमत हासिल करेगी।

किसको क्या मिला?

-एकनाथ खडसे : वाणिज्य, अल्पसंख्यक विकास एवं वक्फ, कृषि, पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्यपालन और राज्य आबकारी विभाग

-सुधीर मुनगंटीवार : वित्त एवं योजना और वन विभाग

-विनोद तावड़े : स्कूली शिक्षा व खेल, उच्चतर एवं तकनीकी शिक्षा, चिकित्सीय शिक्षा, मराठी भाषा और सांस्कृतिक मामले

-प्रकाश मेहता : उद्योग एवं खनन और संसदीय मामले

-चंद्रकांत पाटिल : सहयोग, विपणन और कपड़ा मंत्रालय। लोक निर्माण विभाग (सार्वजनिक उपक्रमों सहित)

-पंकजा मुंडे : ग्रामीण विकास और जल संरक्षण, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

-विष्णु सावरा : आदिवासी विकास, सामाजिक न्याय और विशेष सहयोग

-दिलीप कांबले : आदिवासी विकास, सामाजिक न्याय और विशेष सहयोग

-विद्या ठाकुर : ग्रामीण विकास एवं जल संरक्षण, महिला एवं बाल विकास विभाग