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उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा में घटे दागी विधायक

विधानसभा चुनाव में जनता ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले प्रत्याशियों को खास तवज्जो नहीं दी।

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Fri, 17 Mar 2017 12:36 AM (IST)
उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा में घटे दागी विधायक

नई दिल्ली, प्रेट्र। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों से एक अच्छी बात यह उभरकर आई है कि जनता ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले प्रत्याशियों को खास तवज्जो नहीं दी। इसी कारण उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा में दागी विधायकों की संख्या कम हुई है।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉ‌र्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के 690 विधायकों में से 27.8 फीसद (192) का आपराधिक रिकॉर्ड है जबकि 20 फीसद (140) पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं। इनमें हत्या, अपहरण, फिरौती शामिल है। पांचों राज्यों में आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या तीन फीसद घटी है, वहीं गंभीर अपराधों में लिप्त विधायकों की संख्या मणिपुर को छोड़कर चारों राज्यों में बढ़ी है।

उप्र में बेदाग विधायकों की संख्या 19 फीसद बढ़ी

उत्तर प्रदेश में 2017 में 2012 के मुकाबले बगैर आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या 19.2 फीसद बढ़ी है। यह पांचों राज्यों में सर्वाधिक है। उत्तर प्रदेश में गठित होने वाली नई विधानसभा के कुल 403 में से 260 विधायक बेदाग हैं। उत्तर प्रदेश में आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या 2012 में 189 थी जो 2017 में घटकर 143 हो गई है। हालांकि, गंभीर अपराधों में लिप्त विधायकों की संख्या 2012 के 98 के मुकाबले बढ़कर 107 हो गई है।

पंजाब में बेदाग तीन फीसद बढ़े

पंजाब में भी बेदाग विधायकों की संख्या तीन फीसद बढ़ी है। 2017 में बगैर आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या 19 है, जबकि 2012 में ऐसे 16 विधायक ही थे।

गोवा में बेदाग 10 फीसद बढ़े

गोवा में बगैर आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या 10 फीसद बढ़ी है। 2017 में 31 ऐसे विधायक बने हैं, जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। जबकि 2012 में ऐसे विधायक 28 थे।

मणिपुर, उत्तराखंड में हुआ उलटा, दागी बढ़े

तीन राज्यों में जहां दागी घटे हैं वहीं मणिपुर व उत्तराखंड में उलटा हुआ है। मणिपुर में 2012 में कोई आपराधिक रिकॉर्ड वाला विधायक नहीं था, जबकि इस बार दो विधायक गंभीर अपराधों के आरोपी हैं। उत्तराखंड में तो दागियों की संख्या तीन गुना से ज्यादा हुई है। 2012 में राज्य में सिर्फ चार दागी थे और 2017 में उनकी संख्या 14 हो गई है।

दागियों का कुल अनुपात 33 से घटकर 27 फीसदी

पांचों राज्यों में दागी विधायकों का कुल अनुपात 2012 के 33.6 फीसद के मुकाबले घटकर 2017 में 27.8 फीसद हुआ है। उत्तर प्रदेश के 403 विधायकों में से 36 फीसद का आपराधिक रिकॉर्ड है और 26 फीसद पर गंभीर अपराध दर्ज हैं।

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