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धार्मिक देश होने के बाद भी भारत में है बहुत भ्रष्टाचार: दलाई लामा

शिलांग। तिब्बत के धर्म गुरु दलाई लामा के मुताबिक धार्मिक देश होने के बाद भी भारत में बहुत ज्यादा भ्रष्टाचार की घटनाएं सामने आ रही हैं। भारत में बहुत से लोग भ्रष्ट हैं। इनमें ज्यादातर लोग बहुत पढ़े-लिखे हैं। मार्टिन क्रिश्चन लूथर यूनिवर्सिटी के छठे दीक्षांत समारोह के दौरान लामा ने कहा कि इन लोगों की पूजा का उद्दे

By Edited By: Updated: Tue, 04 Feb 2014 05:37 AM (IST)
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शिलांग। तिब्बत के धर्म गुरु दलाई लामा के मुताबिक धार्मिक देश होने के बाद भी भारत में बहुत ज्यादा भ्रष्टाचार की घटनाएं सामने आ रही हैं। भारत में बहुत से लोग भ्रष्ट हैं। इनमें ज्यादातर लोग बहुत पढ़े-लिखे हैं। मार्टिन क्रिश्चन लूथर यूनिवर्सिटी के छठे दीक्षांत समारोह के दौरान लामा ने कहा कि इन लोगों की पूजा का उद्देश्य भी अपने भ्रष्ट जीवन को सफल बनाना ही होता है।

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मेघालय के राज्यपाल केके पॉल, मुख्यमंत्री मुकुल संगमा और उनके मंत्रिमंडल सदस्यों की मौजूदगी में दलाई लामा को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी गई। लामा ने कहा कि आज के युग में धार्मिक सहिष्णुता और अहिंसा जरूरी है, लेकिन आज धर्म को दूसरे लोगों को धोखा देने के हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। पश्चिमी देशों में गैर-सांप्रदायिकता का मतलब धर्म के प्रति नकारात्मक होना है, जबकि भारत में इसके मायने सभी धर्मो का सम्मान करना है। भारत धार्मिक सद्भाव और अहिंसा का प्रचार कर सकता है। इस दौरान उन्होंने आधुनिक शिक्षा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इसने मानवीय मूल्यों को नुकसान पहुंचाया है और भ्रष्टाचार को बढ़ाया है।

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