भारत एक सहिष्णु देश: तसलीमा नसरीन
बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा है कि हर समाज में कुछ असहिष्णु लोग होते हैं लेकिन कुछ असहिष्णु लोगों के साथ भारत एक सहिष्णुता वाला देश है।
नई दिल्ली । मालदा में हुई हिंसा की चर्चा करते हुए एक कार्यक्रम के दौरान बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा है कि हर समाज में कुछ असहिष्णु लोग होते हैं लेकिन कुछ असहिष्णु लोगों के साथ भारत एक सहिष्णुता वाला देश है। तसलीमा ने कहा है कि यह समय ना केवल हिंदू कट्टरपंथियों पर ध्यान देने का है बल्कि मुस्लिम कट्टरपंथियों पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
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शनिवार को नई दिल्ली के दिल्ली हाट में चल रहे साहित्य महोत्सव के दौरान 'कमिंग ऑफ द ऐज ऑफ इनटॉलरेंस' विषय पर आयोजित एक चर्चा में भाग लेते हुए नसरीन ने कहा, "मुझे लगता है कि यदि कुछ लोग नाराज भी होते हैं तो भी हमारे पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होनी होनी चाहिए, यदि हम चुप रहेंगे तो समाज का विकास नहीं हो सकता। हमें वास्तव में स्री जाति से द्वेष, धार्मिक कट्टरवाद और सभी प्रकार की बुरी ताकतों के खिलाफ लड़ना चाहिए, जिससे एक बेहतर समाज का निर्माण हो सके।"
गौरतलब है कि 'द्वीखानदीतो' जैसी विवादास्पद पुस्तकों के कारण तसलीमा बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई थी और उनके उपन्यास 'लज्जा' पर कथित तौर यह आरोप लगा कि उससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत हुई हैं और इसी कारण से 1994 में तसलीमा बांग्लादेश छोड़ने को मजबूर हुई थी। कार्यक्रम में भाग लेते हुए लेखक और भाजपा विचारधारक सुधीर कुलकर्णी ने कहा कि भारतीय समाज में कुछ प्रकार की असहिष्णुता हमेशा से ही रही है, पर इसके लिए किसी पार्टी पर आरोप लगाना सही नहीं है।