सांस्कृतिक संबंधों को पुनर्जीवित करेंगे भारत और ईरान
ईरान पर लगे प्रतिबंध खत्म होने से भारत के युगों पुराने संबंध और साझेदारी को पुनर्जीवित करने का अवसर मिला है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत और ईरान सदियों पुरानी अपनी मित्रता को पुनर्जीवित करेंगे। इसके लिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार से हो रही तेहरान यात्रा के दौरान सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने वाले कई कार्यक्रमों का संयुक्त रूप से आयोजन करेंगे। हाल के वर्षों में ईरान पर लगे पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते द्विपक्षीय सांस्कृतिक संबंधों पर विराम लग गया था।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आइसीसीआर) के महानिदेशक सी. राजशेखर ने कहा कि ईरान पर लगे प्रतिबंध खत्म होने से हमारे युगों पुराने संबंध और साझेदारी को पुनर्जीवित करने का अवसर मिला है। इससे दोनों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि आइसीसीआर और तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ईरान के फरहांगिस्तान और सादी फाउंडेशन के सहयोग से तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन करेंगे। यह आयोजन प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक यात्रा से जुड़ा होगा।
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महोत्सव के दौरान एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भी होगा। सम्मेलन दोनों देशों में फारसी साहित्य, इतिहास, कला और संस्कृति की यात्रा पर केंद्रित होगा। प्रधानमंत्री मोदी 23 मई को सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में शामिल होंगे। वह पंचतंत्र और जातक कथाओं के फारसी में पुराने अनुवाद की पांडुलिपि 'कलिलेह वा दिमनेह' जारी करेंगे। इसके अलावा डिजिटल पांडुलिपि की प्रदर्शनी, सितार एवं तार वादन और फारसी कविता पाठ का आयोजन होगा। कविता पाठ में भारतीय और ईरानी कवि हिस्सा लेंगे। महोत्सव के अंत में भारतीय सितारवादक और ईरानी तारवादक संयुक्त रूप से कार्यक्रम पेश करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की ईरान यात्रा के दौरान आइसीसीआर और उसकी ईरानी समकक्ष एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे। सहमति पत्र एक दूसरे के उत्सवों को समर्थन समेत सांस्कृतिक आदान-प्रदान की रूपरेखा उपलब्ध कराएगा। एक महीने के लिए भारत में ईरान महोत्सव और फिर ईरान में भारत महोत्सव की योजना है।