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गुलाम कश्मीर में गतिविधियां रोके चीन

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर में चीन की गतिविधियों से चिंतित भारत ने चीन से वहां अपनी गतिविधियां रोकने के लिए कहा है। रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा है कि हमने अपनी फिक्र चीन के सामने रख दी है और उनसे ऐसे सारे काम रोकने के लिए कहा है।

By Edited By: Updated: Mon, 03 Sep 2012 10:01 PM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर में चीन की गतिविधियों से चिंतित भारत ने चीन से वहां अपनी गतिविधियां रोकने के लिए कहा है। रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा है कि हमने अपनी फिक्र चीन के सामने रख दी है और उनसे ऐसे सारे काम रोकने के लिए कहा है।

रक्षामंत्री ने कहा कि गुलाम कश्मीर में चीन की ढांचागत परियोजनाओं पर भारत की पूरी नजर है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में एंटनी ने इसके साथ यह भी कहा कि भारत से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चीन को विवाद है। दोनों देशों के बीच कोई मान्य वास्तविक नियंत्रण रेखा भी नहीं है। इसीलिए दोनों देश अपनी मान्यता के मुताबिक नियंत्रण रेखा को मानते हुए गश्त भी करते हैं।

रक्षामंत्री ने बीते तीन सालों के दौरान चीन की ओर से किसी तरह की घुसपैठ से भी इन्कार किया। उन्होंने इतना जरूर कहा कि चीन के सुरक्षा बल अपनी मान्य सीमा के मुताबिक गश्त करते हैं जिसे भारत अतिक्रमण मानता है और इस तरह की घटनाओं को सीमा पर फ्लैग मीटिंग के दौरान उठाया जाता है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 1962 के बाद से जम्मू-कश्मीर में 38 हजार वर्ग किलोमीटर भारतीय भूमि चीन के कब्जे में है। इसके अलावा पाकिस्तान ने तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते के तहत 5,180 वर्ग किमी. क्षेत्र की भारतीय भूमि भी चीन को दे दी है। चीन अरुणाचल प्रदेश में भी 90 हजार वर्ग किमी. भारतीय भूमि पर भी अपना अवैध दावा करता है।

चीन ने रुकवाया नहर का निर्माण!

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारत और चीन के बीच सीमा पर संबंध सामान्य बनाने के प्रयास के बीच ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की दादागीरी का नया मामला सामने आया है। चीन के हथियारबंद गश्ती दल ने गत 12 जुलाई को भारतीय सीमा में घुसकर लद्दाख के फुकचे क्षेत्र में चल रहे सिंचाई नहर के निर्माण कार्य को रुकवा दिया।

लेह के उपायुक्त ने राज्य सरकार से गृह मंत्रालय व विदेश मंत्रालय के साथ मामले को उठाने का आग्रह किया है। दैनिक जागरण के पास मौजूद इस पत्र के मुताबिक 12 जुलाई को चीन के 15-16 हथियार बंद सुरक्षाकर्मियों ने सीमा से लगे फुकचे क्षेत्र में क्यूल-गोनबो-यार्दूल सिंचाई नहर के काम में लगे कारीगरों को कथित तौर पर धमकाया और निर्माण कार्य रोकने को कहा।

लेह के उपायुक्त के अनुसार, बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत मंजूर इस अहम परियोजना पर उठे विवाद को गृह और विदेश मंत्रालय के साथ उठाए जाने की जरूरत है। महत्वपूर्ण है कि 63.50 लाख रुपये की लागत से हो रहे इस काम के तहत सिंधु नदी से नहर बनाई जानी है जो लेह से 240 किमी दूर स्थित फुकचे क्षेत्र के चारागाहों तक पानी पहुंचाएगी। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, मामले को सेना की लेह स्थित 14 कोर व भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के साथ भी उठाया गया है, ताकि निर्माण कार्य जारी रखने के लिए जरूरी सुरक्षा इंतजाम मुहैया कराए जा सकें।

मामले को गंभीर बताते हुए भाजपा के राज्यसभा सांसद तरुण विजय ने कहा कि चीन के रक्षामंत्री भारत दौरे पर आए हैं और सरकार को इसे उनके साथ उठाया जाना चाहिए।

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