Move to Jagran APP

मिशन मंगल में भारत ने चीन को पछाड़ा

आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान की कामयाबी को हर कोई सलाम कर रहा है। पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले इसरो ने बहुत ही कम लागत में मंगलयान तैयार कर एक और इतिहास रच दिया है। महज 74 मिलियन डॉलर के खर्च से इतिहास रचने वाला मंगलयान अमेरिका के मावेन यान में लगे खर्च से 11 फीसद कम है। इस तरह भारत ने मंगल ग्रह

By Edited By: Updated: Wed, 24 Sep 2014 02:58 PM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली। आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान की कामयाबी को हर कोई सलाम कर रहा है। पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले इसरो ने बहुत ही कम लागत में मंगलयान तैयार कर एक और इतिहास रच दिया है। महज 74 मिलियन डॉलर के खर्च से इतिहास रचने वाला मंगलयान अमेरिका के मावेन यान में लगे खर्च से 11 फीसद कम है। इस तरह भारत ने मंगल ग्रह की कक्षा में मंगलयान को प्रवेश कराने में चीन को मात दे दी है।

मंगल के मंगल होने पर इसरो के वैज्ञानिकों की ओर से बताया गया कि मंगलयान 661 मिलियन किलोमीटर की यात्रा कर मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर गया। इसरो ने बताया कि भारत का यह मंगलयान पहला सेटेलाइट है जो अपने पहले ही प्रयास में अमेरिका के 671 मिलियन डॉलर की लागत से बने मावेन यान से महज दो दिनों बाद लाल ग्रह पर पहुंचा है। इस मौके पर बैंगलुरु स्थित इसरो में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने बहुत ही कम संसाधनों के साथ इस उपलब्धि को हासिल किया है। उन्होंने कहा कि इस सफलता को प्राप्त करते ही भारत मंगल की कक्षा में मौजूद अमेरिका, यूरोप और रूस के सेटेलाइट्स की क्लब में शामिल हो गया। भारतीय वैज्ञानिकों की कामयाबी पर प्रसन्न प्रधानमंत्री ने कहा कि इसरो की इस सफलता ने कम लागत में देश की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए विदेशी निवेश का एक शानदार मौका दिया है। उन्होंने कहा कि 2022 तक दक्षिण एशियाई देश चीन के साथ मिलकर एक मानवयुक्त अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना बना रहे हैं।

उधर बैंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट के पूर्व चेयरमैन बी.एन रघुनंदन ने इस कामयाबी को एक बहुत बड़ा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इस कामयाबी के बाद हाई इंड प्रोजेक्ट्स के लिए दुनिया भर के लोग भारत को एक मंजिल के रूप में देखेंगे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अंतरिक्ष में बहुत से ऐसे तकनीक हैं जिसके आस-पास भी हम नहीं हैं। उन्होंने मानव अंतरिक्ष मिशन का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन ने ये कर लिया है।

पढ़ें: भारतीय मंगलयान दुनिया भर में सबसे सस्ता

पढ़ें: यान की सफलता पर बोले पीएम, मंगल को मिल गया मॉम